मृत बच्चे को भर्ती कर लाखों रूपए वसूलने का आरोप
जयपुर में 11 मार्च 2024 को रात्री 8.00 बजे एशियन अस्पताल, सीकर हाउस मोड चांदपोल में डा. एस. एस. रतनावत के यहाँ हंसविक सरिया पुत्र प्रमोद सरिया को भर्ती कराया गया. हॉस्पिटल और डॉक्टर्स ने परिवार जनों से लाखों रुपये वसूल लिए है. 19 मार्च को परिवारजन जब बच्चे को एशियन अस्पताल से एम्बुलेन्स में लेकर जेकेलोन हास्पिटल जाने लगे तो एम्बुलेन्स डाक्टर ने कहा कि बच्चे में तो कुछ नही है, पूरा शरीर ठंडा पडा है और पैर कडक पडे है, एम्बुलेन्स वाले ने जेकेलोन अस्पताल उतार दिया, जब बच्चे को लेकर आईसीयू में गये तो सभी डाक्टरो ने बच्चे को मृत बता दिया, बहुत कोशिश कि परन्तु बच्चे में सांसे नहीं आई, सांसे आती भी कैसे, बच्चा तो 13 मार्च 2024 को ही मृत हो गया था.
एशियन अस्पताल के पूरे आईसीयू नर्सिंग स्टॉफ, डा. एस. एस. रतनावत, डॉ सैनी, डॉ एन. के. गोयल व अनजान डॉक्टर अस्पताल मेडिकल वाला, केंटिन वाला व पूरे हॉस्पिटल स्टाफ ने बच्चे की जिन्दगी के साथ खिलवाड किया, परिवार जनों की भावनाओ के साथ खेलकर उनसे पैसे लूटे, डाक्टर को पूरी दुनिया भगवान के रूप में देखती है परन्तु ये सभी पैसो के लिये नरभक्षी दानव बन गये. एशियन अस्पताल की लेब से परिवार जनों 19 मार्च 2024 को जो जांच रिपोर्ट मिली, उन्हे देखकर हर कोई बता दे कि सभी जांचे बिना सेम्पल के झूठी लिखकर कम्प्यूटर से प्रिन्ट निकाला हुआ है, नकल में भी अकल चाहिए. 19 मार्च को दाह संस्कार करने के बाद उन्होंने अस्पताल की तहकीकात कि तो पता चला ये अस्पताल नहीं कसाई खाना चला रहे है. उन्होंने 9 दिनो में इतने मरीज आते देखे जो बेचारे मरकर ही यहां से गये, अस्पताल है न्यूरो का परन्तु यहा तीनो डाक्टर मिलकर इलाज हर बीमारी का करते है, डिग्री न्यूरो की इलाज आँख, कान, कैंसर, फैफडो, पथरी, गुर्दे, लिवर, आदी का भी करते है. अस्पताल में मरीज गांवो से दलालो मारफत आते है व दूर दराज से जो एम्बूलेंस मरीज को लेकर आती है वो अस्पताल में मरीज को छोडती है और एम्बूलेन्स ड्राईवर अस्पताल के कमरे में डाक्टर के पास जाता है और अपना कमीशन लेकर रवाना हो जाता है, सरकारी चिरंजीवी योजना में भर्ती मरीजो के परिजनो से भी ये इस अस्पताल के डॉक्टर व पूरी टीम विभिन्न तरीकों से लाखों रूपये लूट लेते है, बेचारे परिजन भी बेबस होकर इनको पैसे देते रहते है. पीड़ित परिवार ने सरकार एवं प्रशासन से प्राइवेट हॉस्पिटलो की जाँच करवा कर गोरख धंधा करने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की. उन्होंने कहां की सरकार को इस संदर्भ में एक क़ानून लाना चाहिए, ताकी कोई भी डॉक्टर्स ऐसा करने से पहले सोचे औऱ किसी भी गरीब परिवार के खिलाफ ऐसी घटना नहीं हो.