केदारनाथ मंदिर में रील्स बनाने पर रोक

केदारनाथ मंदिर में रील्स बनाने पर रोक

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की चहल-पहल हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है. इस साल भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, लेकिन इस बार की यात्रा में बहुत सारी मुश्किलें देखने को मिल रही हैं. यह परेशानी और चुनौती प्रशासन के लिए भी है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भारी भीड़ के कारण प्रशासन को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वीआईपी दर्शन पर लगी रोक को 31 मई तक बढ़ा दिया है. पहले यह रोक 25 मई तक थी, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए इसे और बढ़ाना पड़ा.

इसी बीच, प्रशासन ने एक नई एडवाइजरी भी जारी की है, जिसके अनुसार अब श्रद्धालु मंदिर के 50 मीटर के दायरे में रील्स और वीडियो नहीं बना सकेंगे. इससे पहले, वीडियो शूट पर लगी रोक 200 मीटर के दायरे में थी, जिसे बाद में घटाकर 50 मीटर कर दिया गया. वहीं, यमुनोत्री और गंगोत्री के रूट पर लंबे ट्रैफिक जाम की समस्या अभी भी बरकरार है. गुरुवार को उत्तरकाशी से गंगोत्री के 99 किमी और बरकोट से यमुनोत्री के 46 किमी रूट पर करीब 3 हजार गाड़ियां 12 से 15 घंटे ट्रैफिक में फंसी रहीं. सबसे ज्यादा समस्या यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के पास बनी हुई है, जहां गाड़ियां 12-12 घंटे रोक दी जा रही हैं. गुरुवार को केदारनाथ में 28 हजार, बद्रीनाथ में 12,231, यमुनोत्री में 10,718 और गंगोत्री में 12,236 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. अब तक चारों धामों में 3.98 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं, जबकि 28 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. गंगोत्री नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के कारण गाड़ियों को पास होने में 2-3 घंटे का समय लग रहा है. इसके चलते प्रशासन ने कई बैरियर हटा दिए हैं, जिससे बरकोट, नेताला, गंगोरी, नौगांव, ब्रह्मखाल, राडीटॉप, ओरछा बैंड, सिलक्यारा क्षेत्र में गुरुवार को लंबे जाम नहीं लगे और गाड़ियां 1-2 घंटे में पास हो गईं. उत्तरकाशी प्रशासन ने इस समस्या को देखते हुए खाने के पैकेट और पानी की बोतलें बांटीं और 8 अस्थाई शौचालय भी लगवाए. इस साल चारधाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है, जिनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं.  स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के लिए कम से कम 7 दिन का प्लान बनाकर आएं, ताकि बदलते मौसम में उनके शरीर को ढलने का समय मिल सके. अब एक सवाल यहां यह भी आता है कि जब प्रशासन के पास आगे से रजिस्ट्रेशन का पूरा ब्योरा रहता है, फिर भी प्रशासन इतने सारे लोगों को कैसे अलाउ कर देता है. ऐसे में परेशानी का होना संभव है. वहीं, जो लोग दर्शन करने जा रहे हैं, उन्हें भी थोड़ा सोचना चाहिए. जब आप इतनी दूर से दर्शन करने को आ रहे हैं, तो आप केवल सोशल मीडिया पर ही एक्टिव न हों. भगवान के श्रद्धा पूर्वक दर्शन हो और आपकी यात्रा सफल हो.