Ram Mandir में गंगाजल छिड़कने पर ज्ञानदेव आहूजा BJP से निलंबित

Ram Mandir  में गंगाजल छिड़कने पर ज्ञानदेव आहूजा BJP से निलंबित

टीकाराम जूली के रामलला मंदिर दर्शन के बाद गंगाजल छिड़कने पर बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा को सस्पेंड किया गया, पार्टी ने कहा- "घोर अनुशासनहीनता, पार्टी की छवि धूमिल हुई है।"

राम मंदिर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के दर्शन के बाद गंगाजल छिड़कने को लेकर विवादों में आए बीजेपी के सीनियर लीडर और रामगढ़ (अलवर) से पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब भी मांगा है।

इस पूरे मामले ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। सोमवार देर रात जयपुर के मानसरोवर इलाके में आहूजा के आवास के बाहर प्रदर्शन हुआ, जहां एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने उनके नेम प्लेट पर कालिख पोत दी। वहीं, मंगलवार को कांग्रेस ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया।

दरअसल, 6 अप्रैल को राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर के शालीमार स्थित रामलला मंदिर में दर्शन किए थे। इसके बाद ज्ञानदेव आहूजा ने बयान दिया:

टीकाराम जूली हिंदू विरोधी हैं। करणी माता और श्रीराम मंदिर जाकर उन्होंने मंदिरों को अपवित्र किया है। अब मैं वहां जाकर गंगाजल छिड़कूंगा और भगवान का पूजन करूंगा।

7 अप्रैल को आहूजा रामलला मंदिर पहुंचे और उन्होंने गंगाजल का छिड़काव किया। उनका कहना था कि रामनवमी के दिन कांग्रेस नेताओं को भी मंदिर में बुलाया गया, जिससे वह अपवित्र हो गया था।

"मैंने मंदिर को गंगाजल से पवित्र किया है।" - ज्ञानदेव आहूजा

बीजेपी प्रदेश महामंत्री एवं सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा कि आहूजा का यह कृत्य पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला और घोर अनुशासनहीनता है। पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

अग्रवाल ने राम मंदिर के शिलान्यास समारोह का उदाहरण देते हुए कहा:

"श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास में पहली शिला एक दलित – कामेश्वर चौपाल – ने रखी थी। यह हमारी विचारधारा का प्रतीक है। किसी के दर्शन से मंदिर अपवित्र नहीं होता।"

कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि यह दलित व पिछड़े वर्गों के अपमान का मामला है। पार्टी ने राजस्थान के सभी ज़िलों में विरोध प्रदर्शन कर आहूजा की गिरफ्तारी की मांग की।