INS तुशिल- भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा
आज भारतीय नौसेना को एक और नई ताकत मिली है। अत्याधुनिक मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तुशिल को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल कर लिया गया है। रूस के तटीय शहर कैलिनिनग्राद में आयोजित एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की उपस्थिति में इसे भारत को सौंपा गया।
यह युद्धपोत अपनी तकनीकी क्षमताओं और उन्नत हथियार प्रणाली के लिए खास है। INS तुशिल में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली हाई रेंज मिसाइल, और एंटी एयर गन जैसी अत्याधुनिक प्रणालियाँ हैं। इसके अलावा, इसमें कंट्रोल्ड क्लोज-रेंज रैपिड फायर गन सिस्टम, टॉरपीडो, और एडवांस रॉकेट सिस्टम भी शामिल हैं, जो इसे पनडुब्बियों के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाते हैं।
इस युद्धपोत का डिजाइन इसे रडार से बचने की क्षमता और समुद्र में बेहतर स्थिरता प्रदान करता है। INS तुशिल, भारत और रूस के बीच 2016 में हुई 2.5 बिलियन डॉलर की डील का हिस्सा है, जिसके तहत चार स्टील्थ फ्रिगेट का निर्माण होना है। इनमें से दो का निर्माण रूस में और दो का निर्माण गोवा शिपयार्ड में किया जा रहा है। अगले फ्रिगेट, INS तमाल, की डिलीवरी 2025 में होने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच साझेदारी और गहरी दोस्ती का एक प्रतीक है। उन्होंने भारतीय जहाजों में 'मेक इन इंडिया' के बढ़ते योगदान पर भी संतोष व्यक्त किया।