भारत-पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर? जानिए क्या फिर से छिड़ सकती है जंग!

क्या भारत और पाकिस्तान एक बार फिर युद्ध की कगार पर खड़े हैं? हाल की घटनाएं, मिसाइल हमले, और दोनों देशों की सैन्य तैयारियां यही संकेत दे रही हैं। क्या हम एक और बालाकोट स्ट्राइक की तैयारी देख रहे हैं? आइए जानते हैं इस विस्फोटक विश्लेषण में कि दोनों परमाणु शक्तियाँ इस समय कहां खड़ी हैं।
2019 के बाद बदली तस्वीर
पुलवामा हमले और उसके बाद भारत द्वारा की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक ने दक्षिण एशिया की सैन्य राजनीति को पूरी तरह बदल दिया। उसके बाद भारत ने अपनी सेनाओं को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया — फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे गए, अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन और इज़राइल से हेरोन MK2 जैसे हाई-एल्टीट्यूड ड्रोन भारत की सेवा में आए।
वहीं पाकिस्तान ने भी चीन से J-10C फाइटर जेट और तुर्की के Bayraktar TB2 जैसे घातक ड्रोन अपने बेड़े में शामिल किए। इसके साथ ही दोनों देशों ने मिसाइल क्षमता में भी जबरदस्त इज़ाफा किया है।
एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइलें
भारत ने रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम हासिल किया है, जबकि पाकिस्तान ने चीन से HQ-9 सिस्टम लिया है। दोनों सिस्टम हवा में दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इससे यह साफ है कि अब लड़ाई सिर्फ ज़मीन पर नहीं बल्कि आसमान और डिजिटल सीमाओं पर भी होगी।
कश्मीर और हालिया घटनाक्रम
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने "कड़ी प्रतिक्रिया" की चेतावनी दी है। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों, ड्रोन गिराए जाने और सीज़फायर उल्लंघनों के आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं।
परमाणु शक्ति का संतुलन
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास 170 से अधिक परमाणु हथियार हैं, लेकिन भारत की 'No First Use' पॉलिसी और दोनों देशों के बीच परमाणु ठिकानों पर हमले से बचने का समझौता अब तक हालात को नियंत्रण में रखे हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व पूर्ण युद्ध से बचना ही बेहतर समझते हैं।
युद्ध या शांति?
युद्ध की स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित आम नागरिक होते हैं। सीमा पर बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, किसान खेत नहीं जा सकते और जवान अपने परिवार से दूर रहते हैं। युद्ध कोई समाधान नहीं है — सिर्फ विनाश और दर्द लेकर आता है।
अगर आप मानते हैं कि शांति ही सच्ची जीत है, तो आइए इस सोच को आगे बढ़ाएं।