जामा मस्जिद जयपुर में लाखों लोगो ने अदा की जमातुल विदा की नमाज़, सजदे में झुकें लाखों सर

जयपुर की तारीख़ी जामा मस्जिद में आज एक अजीम-ओ-शान मंज़र देखने को मिला, जब लाखों मोमिनीन ने रमज़ान-उल-मुबारक के आख़िरी जुमा, यानी जमातुल विदा की नमाज़ अदा की। मस्जिद के सहन से लेकर गलियों तक, हर तरफ़ सिर झुकाए इबादत में मशगूल बंदों का समुंदर नज़र आया।
सुबह से ही मस्जिद के अतराफ़ (चारों ओर) हजारों अकीदतमंदों की आमद शुरू हो गई थी। हर कोई इस मुक़द्दस दिन की अहमियत को महसूस करता हुआ अल्लाह की बारगाह में सर-बसुजूद था। लोगों ने हाथ उठाकर अल्लाह से मग़फ़िरत की दुआ मांगी और अपनी रुहों को पाक करने की कोशिश की।
– एक बुज़ुर्ग नमाज़ी:
"आज का ये दिन हमारे लिए बहुत ब बरकत है। हम अल्लाह से रो-रो कर दुआ करते हैं कि वो हमें अपने नेक रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ अता फरमाए।"
जमातुल विदा की नमाज़ के दौरान मस्जिद के इमाम ने रमज़ान की अहमियत पर रौशनी डालते हुए तक़वा और परहेज़गारी की तालीम दी। उन्होंने कहा कि रमज़ान सिर्फ़ रोज़े और इबादत का नाम नहीं, बल्कि ये एक पैग़ाम है इंसानियत, मोहब्बत और रहमत का।
मस्जिद के इमाम:
"रमज़ान हमें अपने ग़रीब भाईयों की तकलीफ़ का एहसास दिलाता है। हम सबको चाहिए कि हम सदका और खैरात करें, ताकि हमारी इबादत मुकम्मल हो।"
नमाज़ के बाद अकीदतमंदों ने मस्जिद के बाहर ग़रीबों में खैरात तक़सीम की और रमज़ान के आख़िरी अशरे (दस दिन) की बरकतों का ज़िक्र किया। जयपुर पुलिस और प्रशासन की जानिब से सख़्त सिक्योरिटी इंतेज़ाम किए गए थे, जिससे नमाज़ का अमल पुरसुकून तरीके़ से मुकम्मल हुआ।
पुलिस अधिकारी:
"हमने पूरी कोशिश की कि तमाम इंतेज़ामात सही तरीक़े से हों, ताकि लोगों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।"
जमातुल विदा का ये मुबारक दिन हर साल इमान, मोहब्बत और भाईचारे का अजीम पैग़ाम लेकर आता है। इस पाक मौके़ पर अकीदतमंदों ने एक-दूसरे को रमज़ान और आने वाली ईद की मुबारकबाद दी। जयपुर की जामा मस्जिद में आज एक दिल को सुकून देने वाला मंज़र देखने को मिला। लाखों सर अल्लाह के हुज़ूर में झुके, दुआओं की गूंज मस्जिद की फ़िज़ा में गूंजती रही और ईमान का ये कारवां अपनी मंज़िल की तरफ़ रवां-दवां रहा।