महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने किया सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर सिटी पैलेस में सांस्कृतिक विरासत प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ है. हिज हाइनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने इस शिविर का उद्घाटन किया. यह शिविर महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट द्वारा पारंपरिक कलाओं की प्रतिनिधि संस्था 'रंगरीत' और 'सरस्वती कला केन्द्र' के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने कहा कि शिविर का उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति, कला और शिल्प से परिचित कराना है. उन्होंने कहा कि यह शिविर युवाओं के लिए पारंपरिक विरासत कला और शिल्प का ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का बेहतरीन अवसर साबित होगा.
उन्होंने यह भी बताया कि हमारा प्रयास है कि इस एक माह के शिविर को भविष्य में छह महीने या एक वर्ष के कोर्स में बदला जा सके. पिछले 26 वर्षों से इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जयपुर राज परिवार की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता स्पष्ट है. शिविर का उद्घाटन महाराजा सवाई पद्मनाभ द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ किया गया. उन्होंने प्रशिक्षकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया और बच्चों को पर्यावरण से जोड़ने के लिए पौधे और परिंडे वितरित किए. इस अवसर पर एमएसएमएस द्वितीय संग्रहालय की एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी, रमा दत्त भी उपस्थित रहीं. शिविर में इस बार विद्यार्थियों को पहली बार वैदिक ज्योतिष का ज्ञान दिया जाएगा. इसके साथ ही, विद्यार्थियों को जंतर-मंतर स्मारक का भ्रमण भी करवाया जाएगा. जहाँ दौलत सिंह उन्हें जंतर-मंतर के इतिहास और उससे जुड़े तथ्यों की विस्तृत जानकारी देंगे. इस प्रशिक्षण शिविर का समन्वय रामू रामदेव द्वारा किया जा रहा है, जो बाबूलाल मारोटिया के साथ 'पारंपरिक चित्रकला' कार्यशाला का संचालन भी करेंगे. डॉ. मधुभट्ट तैलंग 'ध्रुवपद' कार्यशाला का संचालन करेंगीं, डॉ. नाथूलाल वर्मा 'आराईश (फ्रेस्को)' की बारीकियां सिखाएंगे, ब्रजमोहन खत्री वैदिक ज्योतिष का ज्ञान देंगे, डॉ. ज्योति भारती गोस्वामी कथक एवं लोक नृत्य कार्यशाला का संचालन करेंगीं. आर.डी. गौड़ छात्रों को बांसुरी सिखाएंगे, लक्ष्मी नारायण कुमावत 'मांडना' कार्यशाला का संचालन करेंगे और अशोक 'कैलीग्राफी' सिखाएंगे. गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण शिविर एक माह तक चलेगा और 21 जून को समाप्त होगा.