Kashmir में भूकंप के झटकों से दहशत, लोग इमारतों से निकलकर भागे बाहर

शनिवार दोपहर जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों में अचानक धरती कांप उठी, जिससे कुछ ही मिनटों में दहशत का माहौल बन गया। कश्मीर घाटी में मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसने आम जनता से लेकर कार्यालयों में काम कर रहे लोगों तक को हिला कर रख दिया।
जैसे ही झटके महसूस हुए, लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों और दफ्तरों से निकलकर खुले स्थानों की ओर दौड़ पड़े। श्रीनगर सहित कई इलाकों में लोग इमारतों से बाहर निकलकर खुले मैदानों में खड़े हो गए।
कितनी तीव्रता का था भूकंप?
भूकंप की सटीक तीव्रता और केंद्र को लेकर आधिकारिक जानकारी का अभी इंतज़ार है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक झटके कुछ सेकंड्स तक महसूस किए गए।
राहत की बात यह रही कि अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
कश्मीर: पहले से ही संवेदनशील भूकंपीय ज़ोन
गौरतलब है कि कश्मीर भूकंपीय जोन 4 और 5 में आता है, जो देश के सबसे अधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। ऐसे में यहां समय-समय पर भूकंप के झटके आना आम बात है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी लोग पूरी तरह से अनजान और असहाय नजर आए।
क्या हमारी इमारतें और सिस्टम तैयार हैं?
भूकंप के ऐसे अचानक आने वाले झटकों के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठता है —
क्या हमारी इमारतें, इन्फ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन प्रणाली ऐसे हालातों के लिए तैयार हैं?
क्या हम केवल किस्मत के भरोसे इस तरह की आपदाओं से बचते रहेंगे?
ज़रूरत है सजगता और तैयारी की
विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए न सिर्फ सजग नागरिकों की जरूरत है, बल्कि मजबूत इमारतें, सतर्क प्रशासन और समय पर एक्शन लेने वाले सिस्टम की भी बेहद आवश्यकता है।