INDIA ब्लॉक में फूट- ममता, अखिलेश और उद्धव के बदले तेवरों से घिरे राहुल गांधी
विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक में एकता की जो तस्वीर लोकसभा उपचुनाव के बाद उभरी थी, वह अब बिखरती हुई नजर आ रही है। राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष ने संसद में अडानी ग्रुप की जेपीसी जांच को लेकर प्रदर्शन किया, लेकिन तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) जैसी बड़ी पार्टियों का साथ न मिलना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है।
अडानी मुद्दे पर टूटी एकता
अडानी ग्रुप के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में तनाव खुलकर सामने आ गया। 4 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, लेकिन टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने दूरी बनाए रखी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ किए गए विरोध प्रदर्शन में न तो टीएमसी के सांसद शामिल हुए और न ही अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने भाग लिया।
अखिलेश और उद्धव के बदलते रुख
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को राहुल गांधी का संभल दौरा रास नहीं आया। समाजवादी पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जो सपा और कांग्रेस के बीच दरार को उजागर करती है। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र सामना के जरिये कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं, जिससे यह साफ हो गया कि INDIA ब्लॉक में मतभेद गहराते जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी का समर्थन और सवाल
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने संसद में प्रदर्शन के दौरान हिस्सा लिया, लेकिन विधानसभा में उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब अडानी को दिल्ली की बिजली कंपनियां सौंपने का दबाव बनाया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। यह बयान कांग्रेस की रणनीति के खिलाफ नई बहस को जन्म दे रहा है।
क्या 2024 में फिर बिखर जाएगा विपक्ष?
राहुल गांधी, जो एक समय विपक्ष को एकजुट कर बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने का दावा कर रहे थे, अब उन्हीं के सहयोगी दल उनसे नाराज नजर आ रहे हैं। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे जैसे बड़े नेता अगर इसी तरह अलग राह पर चलते रहे, तो 2024 का लोकसभा चुनाव INDIA ब्लॉक के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।