विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: 14 साल, 123 टेस्ट, 9230 रन

विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: 14 साल, 123 टेस्ट, 9230 रन

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं—विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 14 साल तक भारतीय टेस्ट टीम की शान और प्रेरणा रहे विराट अब सफेद जर्सी में मैदान पर नहीं दिखेंगे।

"269 - Signing Off": विराट का आखिरी सलाम

विराट कोहली ने एक भावुक इंस्टाग्राम पोस्ट में अपने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा:

"टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनना मेरे जीवन का सबसे गौरवशाली क्षण था। मैंने इसमें सब कुछ झोंक दिया, और इसने मुझे उससे भी अधिक लौटाया।"
पोस्ट के अंत में उन्होंने अपनी टेस्ट कैप नंबर "269" लिखते हुए इसे "Signing Off" करार दिया।

आंकड़े जो इतिहास बन गए

  • कुल टेस्ट मैच: 123

  • पारी: 210

  • कुल रन: 9230

  • औसत: 46.85

  • शतक: 30

  • अर्धशतक: 31

  • चौके: 1027

  • छक्के: 30

इन आंकड़ों में केवल रन नहीं, विराट का जुनून, संघर्ष और कड़ी मेहनत शामिल है।

कप्तान कोहली: जिसने टेस्ट क्रिकेट को फिर से जिया

2014 में महेंद्र सिंह धोनी के बाद विराट ने जब टेस्ट टीम की कमान संभाली, तब टीम इंडिया संक्रमण के दौर से गुजर रही थी। उन्होंने न केवल टीम को संभाला, बल्कि उसे ICC रैंकिंग में नंबर 1 तक पहुँचाया।
उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की ज़मीन पर हराया—एक ऐसा कारनामा जो दशकों से सपना बना हुआ था।

संन्यास के पीछे की वजहें

हाल के महीनों में विराट का टेस्ट प्रदर्शन गिर रहा था।

  • न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट में सिर्फ 93 रन

  • ऑस्ट्रेलिया में एकमात्र शतक

  • 8 बार आउट हुए, जिनमें 7 बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर

क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ "शारीरिक थकावट" नहीं बल्कि "मानसिक थकान" भी है।

अब फोकस वनडे पर

विराट पहले ही T20 क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। अब वह केवल वनडे क्रिकेट पर फोकस करेंगे।
उनका वनडे रिकॉर्ड अब तक अविश्वसनीय रहा है:

  • 302 मैच

  • 14181 रन

  • 51 शतक

  • औसत 57.88

अब सभी निगाहें 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी और आगामी वनडे सीरीज़ पर होंगी।

फैंस के लिए भावुक पल

जो कोहली इंग्लैंड में शतक जड़ता था, ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजों को आँखों में आँखें डालकर देखता था, स्लेजिंग का जवाब रन से देता था — आज वो मैदान से विदा ले रहा है।

यह सिर्फ एक खिलाड़ी का संन्यास नहीं — ये भारतीय क्रिकेट के स्वर्ण युग की समाप्ति जैसा है।