विश्व रंगमंच दिवस पर "सफेद जवारा" नाटक की होगी प्रस्तुति
जयपुर। जवाहर कला केंद्र (JKK), जयपुर में विश्व रंगमंच दिवस के मौके पर 27 मार्च 2025 (गुरुवार) को राजस्थानी नाटक "सफेद जवारा" का मंचन किया जाएगा। लेखक एवं निर्देशक अनिल मारवाड़ी द्वारा लिखित इस नाटक में गणगौर पर्व से जुड़े लोक विश्वास, परंपराएं और मान्यताओं के सच-झूठ की परतें एक मनोरंजक और विचारशील अंदाज में खोली जाएंगी।
सफेद जवारा – नाटक की कहानी में छुपा गहरा संदेश
"सफेद जवारा" की कहानी गणगौर के त्योहार, सुहागन स्त्रियों की आस्था और गीत-संगीत की गूंज के इर्द-गिर्द घूमती है। इस नाटक में नायिका परंपराओं और रूढ़ियों के बंधनों से जूझती हुई नजर आती है, जो सफेद जवारा को अपशकुन मानती है।
कहानी का मुख्य सवाल:
क्या सफेद जवारा सच में अपशकुन है या यह सिर्फ मान्यताओं का भ्रम है?
क्या परंपराओं को निभाना जरूरी है, या उन्हें समझना भी आवश्यक है?
नायिका के मन का डर जब हकीकत बन जाता है, तो वह परंपराओं की बेड़ियों में फंसी रहती है या फिर नए रास्ते खोजती है?
यह नाटक समाज की जड़ मान्यताओं पर सवाल उठाता है और परंपराओं और आधुनिक सोच के बीच के संघर्ष को सजीव मंच पर प्रस्तुत करता है।
मंच पर लोककला, संगीत और व्यंग्य का अनोखा संगम
"सफेद जवारा" सिर्फ एक नाटक नहीं, बल्कि लोक संस्कृति, संगीत और हास्य-व्यंग्य का अनोखा संगम है, जो दर्शकों को हंसी और सोचने पर मजबूर करने वाले गहरे संदेशों से जोड़ता है।
लोक संगीत की गूंज: राजस्थान के पारंपरिक गीत-संगीत और गणगौर पर्व की मधुर धुनों से मंच जीवंत हो उठेगा।
लोकनृत्य की छटा: कलाकारों द्वारा प्रस्तुत राजस्थानी लोकनृत्य से नाटक की हर भावना को और भी गहरा किया जाएगा।
हास्य और व्यंग्य की चुटकी: नाटक में हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज की गहरी मान्यताओं पर सवाल उठाए जाएंगे।
मुख्य थीम और संदेश
"सफेद जवारा" का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त अंधविश्वास और रूढ़िवादी परंपराओं पर सवाल उठाना है।
क्या सफेद जवारा सच में अपशकुन है?
क्या परंपराओं को बिना समझे निभाना सही है?
आधुनिक समाज में क्या नए विचारों को परंपराओं से टकराना चाहिए?
यह नाटक पुरानी मान्यताओं और नई सोच के टकराव को हास्य, व्यंग्य और गहरे संदेशों के माध्यम से दर्शाता है।
"सफेद जवारा" में राजस्थान के उभरते और अनुभवी कलाकारों द्वारा अपने अभिनय का परिचय दिया जायेगा, ये कलाकार अपने अभिनय से मंच को जीवंत बना देंगे। जिनमे मुख्य कलाकार नेहा, लिशिता सोयल, प्रियंका इंदौरिया, रेनू सनाढ्य
कुसुम सोनी, धृति शर्मा, मिहिजा शर्मा, तेजस शर्मा, दक्ष शर्मा, कवितेश शर्मा, शुभम शर्मा, निखिल वर्मा, जिवितेश शर्मा, लाखन सिंह रानावत, गुलशन चौधरी, अर्जुन देव, मनोज स्वामी अभिनय करेंगे।
"सफेद जवारा" का लेखन और निर्देशन अनिल मारवाड़ी ने किया है, जो राजस्थानी लोककला, संस्कृति और मान्यताओं को अपने नाटकों में जीवंत करने के लिए जाने जाते हैं।