प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में टेली-मानस और ई-संजीवनी स्वास्थ्य सेवाएं साबित हो रही हैं कारगर!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में टेली-मानस और ई-संजीवनी स्वास्थ्य सेवाएं साबित हो रही हैं कारगर!

जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई टेली-मानस और ई-संजीवनी स्वास्थ्य सेवाएं आमजन के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही हैं। ये दोनों पहलें भारत में डिजिटल हेल्थकेयर की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम हैं, जो न केवल शहरी बल्कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (टेली-मानस) की शुरुआत 2022 में की थी, जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाना है। इसके तहत, 20 भाषाओं में 18 लाख से अधिक कॉल्स पर मानसिक स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया जा चुका है। वहीं, ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से अब तक 34 करोड़ से अधिक मरीजों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हुई हैं।

टेली-मानस: मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की नई क्रांति

भारत में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा रहा है, जिसे लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया। मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, और अन्य मानसिक विकारों से जूझ रहे लोगों के लिए टेली-मानस कार्यक्रम एक वरदान साबित हो रहा है। यह पहल मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल माध्यम से जोड़कर लाखों लोगों की सहायता कर रही है।

टेली-मानस की प्रमुख विशेषताएं:

  1. टोल-फ्री हेल्पलाइन: टेली-मानस हेल्पलाइन नंबर 14416 या 1-800-91-4416 पर कॉल करके 24x7 मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं प्राप्त की जा सकती हैं।
  2. 20 भाषाओं में उपलब्ध सेवाएं: भारत जैसे बहुभाषी देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए टेली-मानस 20 भारतीय भाषाओं में सेवा प्रदान कर रहा है।
  3. राष्ट्रीय स्तर पर 53 केंद्रों की स्थापना: देशभर के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 53 टेली-मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए जा चुके हैं।
  4. टेली-मानस मोबाइल ऐप: 10 अक्टूबर 2024 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार ने टेली-मानस मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया, जिससे उपयोगकर्ता मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।
  5. सशस्त्र बलों के लिए विशेष सुविधा: पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय में एक विशेष टेली-मानस केंद्र की स्थापना की गई है, जिससे सशस्त्र बल कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श मिल सके।

टेली-मानस के लाभ:

सुविधाजनक एवं गोपनीय: व्यक्ति अपनी मानसिक समस्याओं को खुलकर साझा कर सकते हैं और गोपनीय रूप से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
मुफ्त सेवा: टेली-मानस पूरी तरह से निःशुल्क सेवा है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी बिना किसी चिंता के इसका लाभ उठा सकते हैं।
मनोवैज्ञानिक सहायता: सिर्फ दवाइयों तक सीमित नहीं, बल्कि यह सेवा मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और थेरेपी भी प्रदान करती है।
मानसिक तनाव से मुक्ति: इस कार्यक्रम के माध्यम से तनावग्रस्त लोगों को मोटिवेशन और गाइडेंस मिलती है, जिससे वे अपनी समस्याओं से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।

ई-संजीवनी: टेलीमेडिसिन के माध्यम से घर बैठे इलाज

कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल हेल्थ सेवाओं का महत्व बढ़ गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की, जिससे मरीज बिना अस्पताल जाए अपने घर से ही वीडियो कॉल पर डॉक्टर से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

ई-संजीवनी की प्रमुख विशेषताएं:

  1. दो तरह की सेवाएं:
    • ई-संजीवनी ओपीडी: आम मरीज घर बैठे वीडियो कॉल के माध्यम से डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
    • ई-संजीवनी एएम (हब एंड स्पोक मॉडल): इसमें चिकित्सक अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों से टेली-कंसल्टेशन के माध्यम से परामर्श लेकर मरीजों को उचित इलाज प्रदान करते हैं।
  2. आयुष्मान भारत के तहत सुविधा: 1,31,133 से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में ई-संजीवनी सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
  3. 34 करोड़ से अधिक लाभार्थी: अब तक देशभर में 34 करोड़ से अधिक मरीजों ने इस सेवा का लाभ उठाया है।
  4. समुदाय स्तर पर उपलब्धता: गांव और दूर-दराज के क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) मरीजों को डॉक्टरों से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
  5. मुफ्त परामर्श: यह सेवा बिल्कुल निशुल्क उपलब्ध है, जिससे गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को इलाज में आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

ई-संजीवनी के लाभ:

घर बैठे डॉक्टर की सुविधा: मरीजों को अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं, वे मोबाइल या लैपटॉप के माध्यम से वीडियो कॉल पर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।
प्राथमिक से लेकर विशेषज्ञ परामर्श: यह सेवा सामान्य बीमारियों से लेकर विशेषज्ञों की राय तक प्रदान करती है।
सुरक्षित और आसान: किसी भी उम्र का व्यक्ति सरकारी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए यह सेवा प्राप्त कर सकता है।
कोविड-19 के दौरान विशेष उपयोग: लॉकडाउन और कोविड संकट के दौरान लाखों मरीजों को डिजिटल माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गईं।

टेली-मानस और ई-संजीवनी: डिजिटल इंडिया की नई तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत टेली-मानस और ई-संजीवनी जैसी सेवाएं देश को स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रही हैं। ये योजनाएं खासतौर पर उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं, जिन्हें मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं तक आसानी से पहुंच नहीं मिल पाती थी।

भविष्य की योजनाएं:
टेली-मानस के तहत और अधिक भाषाओं में सेवाएं देने की योजना।
ई-संजीवनी सेवा को और अधिक उन्नत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित हेल्थ असिस्टेंट जोड़ने की तैयारी।
गांव-गांव में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बढ़ाने की योजना, जिससे ग्रामीण स्तर पर टेली-परामर्श को बढ़ावा मिले।
आने वाले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देते हुए डिजिटल थेरेपी और मेंटल हेल्थ एप्लिकेशन को मजबूत किया जाएगा।

केंद्र सरकार की टेली-मानस और ई-संजीवनी जैसी स्वास्थ्य सेवाएं डिजिटल इंडिया मिशन का एक मजबूत स्तंभ बन रही हैं। ये सेवाएं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ा रही हैं और लोगों को सुलभ, सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

आने वाले समय में सरकार इस क्षेत्र में और अधिक नवाचार करते हुए डिजिटल हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगी, जिससे हर भारतीय को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उनके घर तक मिल सकें।