नगर निगम हेरिटेज जयपुर: अवैध मीट की दुकानों पर कड़ी कार्रवाई, पांच दुकानें सीज!

जयपुर। नगर निगम हेरिटेज जयपुर की पशु प्रबंधन शाखा ने शहर में अवैध रूप से संचालित मीट की दुकानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच दुकानों को सीज कर दिया। इस कार्रवाई का स्थानीय दुकानदारों और पार्षद प्रतिनिधियों ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस की सहायता से कार्यवाही पूरी की।
निगम की कार्रवाई और उसके पीछे की वजह:
नगर निगम हेरिटेज के आयुक्त अरूण हसीजा के निर्देश पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा की टीम ने सोमवार को शहर के चांदपोल, भट्टा बस्ती, ब्रह्मपुरी और पठानों के चौक क्षेत्रों में अभियान चलाया। इस दौरान टीम को बिना लाइसेंस संचालित मीट की दुकानें मिलीं। खुले में मांस बेचने और स्वच्छता मानकों का पालन न करने की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई।
पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश शर्मा ने बताया, "नगर निगम को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई दुकानदार बिना लाइसेंस के खुले में मीट बेच रहे हैं। निरीक्षण के दौरान हमने पाया कि पांच दुकानें नियमों का उल्लंघन कर रही थीं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया गया।"
कार्रवाई के दौरान भारी विरोध:
कार्रवाई के दौरान वार्ड 56 की पार्षद रेशमा बेगम के पति हाजी लतीफ कुरैशी ने विरोध किया और दुकानदारों के समर्थन में खड़े हो गए। उन्होंने निगम अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कार्यवाही रोकने की मांग की। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए मामले को शांत कराया और निगम की टीम ने तय योजना के तहत कार्रवाई पूरी की।
जुर्माना और जब्त किया गया मांस:
पांच दुकानों को सीज करने के साथ ही प्रशासन ने 35,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा, लगभग 75 किलो मांस जब्त कर उसे सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया। निगम के अधिकारियों ने कहा, "हमारी प्राथमिकता स्वच्छता और स्वास्थ्य मानकों को सुनिश्चित करना है। बिना लाइसेंस के मांस बेचना न केवल अवैध है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।"
स्थानीय व्यापारियों में नाराजगी:
इस कार्रवाई से क्षेत्र के व्यापारियों में नाराजगी देखने को मिली। उनका कहना था कि निगम को पहले नोटिस देकर समय देना चाहिए था, ताकि वे अपने कागजात पूरे कर पाते। वहीं, कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई चुनिंदा दुकानों पर ही की गई और बाकी अवैध दुकानों को नजरअंदाज किया गया।
प्रशासन का सख्त रुख:
नगर निगम हेरिटेज के अधिकारी इस विषय पर स्पष्ट हैं कि भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे। निगम आयुक्त अरुण हसीजा ने कहा, "अवैध रूप से संचालित दुकानों के खिलाफ हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है। स्वास्थ्य मानकों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो भी दुकानदार बिना लाइसेंस और नियमों का पालन किए बिना दुकान चला रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी।"
नियमों का पालन जरूरी:
नगर निगम के नियमों के अनुसार, मीट की दुकानों को संचालन के लिए एक वैध लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्हें साफ-सफाई और हाइजीन के तय मानकों का पालन करना होता है। खुले में मीट बेचना और बिना लाइसेंस के दुकान संचालित करना गैर-कानूनी है और इस पर सख्त दंड का प्रावधान है।
भविष्य में और भी होगी कार्रवाई:
नगर निगम हेरिटेज जयपुर के अनुसार, यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अन्य क्षेत्रों में भी निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने दुकानदारों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने लाइसेंस और अन्य जरूरी दस्तावेज पूरे करें, ताकि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
जयपुर में अवैध रूप से संचालित मीट की दुकानों के खिलाफ नगर निगम हेरिटेज की इस कार्रवाई ने साफ संदेश दिया है कि प्रशासन नियमों के उल्लंघन पर कोई नरमी नहीं बरतेगा। जहां एक ओर स्थानीय व्यापारियों और पार्षद प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया, वहीं प्रशासन अपने फैसले पर अडिग रहा। अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस तरह की और कार्रवाइयां होती हैं या फिर दुकानदार नियमों के अनुरूप काम करने लगते हैं।