भोपाल- लिफ्ट में फंसे बेटे को बचाने दौड़ा पिता, रास्ते में आया हार्ट अटैक

भोपाल से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने हर उस व्यक्ति का दिल झकझोर दिया है जो पिता होने की भावनाओं को समझता है। मिसरोद थाना क्षेत्र की निरुपम रॉयल पाल्म कॉलोनी में मंगलवार शाम एक आठ वर्षीय बच्चा लिफ्ट में फंस गया। बिजली जाने के कारण लिफ्ट बीच में ही रुक गई थी। जैसे ही इस बात की जानकारी पिता को मिली, उन्होंने बिना देरी किए जनरेटर चालू करने के लिए दौड़ लगा दी।
लेकिन यह दौड़ उनकी जिंदगी की आखिरी दौड़ साबित हुई। रास्ते में ही उन्हें तेज सीने में दर्द हुआ और वो बेहोश होकर गिर पड़े। परिजन और सोसायटी के लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बेटा बचा, लेकिन पिता नहीं रहे
फ्लैट नंबर 307 में रहने वाले ऋषिराज भटनागर, अपने परिवार के साथ रहते थे। उनका बेटा खेलते-खेलते लिफ्ट में चला गया, और उसी समय बिजली चली गई। लिफ्ट बंद हो गई और बच्चा उसमें फंस गया। ऋषिराज जनरेटर रूम की तरफ भागे ताकि बिजली चालू कर सकें और लिफ्ट से बेटे को निकाल सकें।
कुछ ही मिनटों में जनरेटर चालू हुआ, लिफ्ट चल पड़ी और बच्चा सुरक्षित बाहर आ गया। लेकिन तब तक पिता की सांसें थम चुकी थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर मौत की वजह हार्ट अटैक मानी जा रही है।
क्या सिस्टम की लापरवाही बनी मौत की वजह?
इस घटना ने सिस्टम की लापरवाही पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यदि पावर बैकअप पहले से सक्रिय होता या लिफ्ट में ऑटोमेटिक बैकअप सिस्टम काम कर रहा होता, तो शायद ये हादसा टल सकता था।
परिवार का कहना है कि सोसायटी में बिजली की कटौती और जनरेटर मैनेजमेंट को लेकर पहले भी कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
फिलहाल मिसरोद थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मौत की वजह हार्ट अटैक ही थी या इसके पीछे कोई और तकनीकी लापरवाही भी जिम्मेदार थी।