इंडिया गठबंधन ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर की प्रेस कॉन्फ्रेंस

इंडिया गठबंधन ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली- राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस दौरान कड़ा बयान देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, और अब तक इस पद के खिलाफ कभी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ के आचरण में पिछले तीन सालों में संविधान के विपरीत रुख अपनाया गया है और उनकी निष्ठा सत्ताधारी पार्टी के लिए है, न कि संविधान के प्रति।

खरगे ने आगे कहा, "सदन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है, और सभापति हमेशा विपक्षी दलों की आवाज़ को दबाने की कोशिश करते हैं। वह सदन के अंदर योजनाबद्ध तरीके से विपक्ष को बोलने नहीं देते। उनका आचरण उनके पद की गरिमा के विपरीत रहा है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सभापति खुद को RSS का एकलव्य बताते हैं और विपक्ष को हमेशा अपने विरोधी की तरह देखते हैं।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, "सदन में कई अनुभवी सदस्य होते हुए भी सभापति उन्हें हेडमास्टर की तरह प्रवचन देते हैं। उनका उद्देश्य केवल सत्ताधारी सरकार की तारीफ करना है, और वह सरकार के प्रवक्ता की तरह कार्य करते हैं।"

इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। इनमें शरद पवार (एनसीपी), फौजिया खान (एनसीपी), मनोज झा (आरजेडी), तिरुचि शिवा (डीएमके), जावेद अली खान (समाजवादी पार्टी), नदीमुल हक और सागरिका घोष (टीएमसी), संजय राउत (शिवसेना यूबीटी), जॉन ब्रिटास (सीपीएम), संदोष कुमार (सीपीआई), और जोस के मणि (केसीएम) शामिल थे।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया कि इस अविश्वास प्रस्ताव पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई होगी, लेकिन यह मुद्दा पूरी तरह से महत्वपूर्ण है।"

इंडिया गठबंधन का यह अविश्वास प्रस्ताव भारत की संसद की गरिमा और संचालन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि यह विपक्षी दलों के समक्ष इस मुद्दे पर गंभीर चिंताओं को उजागर करता है।