दहेज ना लेकर दिया मानवता का संदेश

दहेज ना लेकर दिया मानवता का संदेश
दहेज ना लेकर दिया मानवता का संदेश

दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसके कारण समाज में अपराधिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है. हमारे समाज में दहेज लेना और देना दोनों ही पाप माना जाता है. लेकिन इस चीज को कुछ लोग ही समझ पाते है. वहीं कुछ लोग इस प्रथा को आज भी अपना रहे है. दहेज लेना और देना दोनों ही गलत है. इसको समझने वाले समाज में कुछ ही लोग हैं. उनको यह अच्छी तरह पता है कि दहेज एक ऐसी कुप्रथा है, जो लोगों ने अपनी जरुरतों के हिसाब से अपनानी शुरू की है. लेकिन इस कुप्रथा को भी तोड़ने वाले कई ऐसे लोग हैं. जिन्होने दहेज और शगुन के नाम पर कभी एक रुपये लेकर तो कभी मुट्ठी भर चावल लेकर ये साबित कर दिया  है कि दुल्हन ही हमारे लिए दहेज है.

ऐसा ही एक मामला टोंक के टोडारायसिंह इलाके के गांव कंवरावास का सामने आया है. जहां कंवरावास गांव में राजावत परिवार ने अपनी बेटी छवि राजावत ने वकालत की पढ़ाई भी की है, उसकी शादी शेर सिंह नाम के लड़के से हुई है जो छत्तीसगढ़ में फोजी की नौकरी करता है खैर बेटी की शादी में कोई कमी न रह जाए ये सोचते हुए पिता ने तो तैयारी में कोई कमी नहीं रखी औऱ दुल्हे को टीके में 5 लाख रुपए दिए.  लेकिन दुल्हे ने और परिवार वालो ने रुपए और सब चीज वापस कर दिए. दूल्हे के परिवार वालो ने छवि के पिता से शगुन के नाम पर बस एक रुपये और नारियल लेकर एक आदर्श विवाह का संदेश पूरी दुनिया को दिया है.  इससे आगे सभी समाजों में एक अच्छा मैसेज जाएगा. साथ ही समाज सुधार होगा. दहेज की कुप्रथा भी बन्द हो सकेगी. फिलहाल इस मामलें कि चर्चा अब हर जगह की जा रही है. सभी का कहना है की अच्छा नेक काम किया गया है.