स्वास्थ्य एवं शासन मंत्री जवाहर सिंह खर्रा के निवास पर धरना
नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पिछली सरकार से ही इस मुद्दे पर असहमति बनी हुई है। भर्ती प्रक्रिया में बदलाव और समाज विशेष के लिए आरक्षण की मांगों ने एक बार फिर से बहस को हवा दी है। एक ओर बाल्मीकि समाज के नेता नंदकिशोर डंडोरिया सिर्फ अपने समाज के लोगों की भर्ती की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर अन्य समाजों का एक समूह सभी के लिए समान अवसर की मांग कर रहा है।
सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर वर्तमान सरकार ने नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्र के लिए सक्षम अधिकारी की अनिवार्यता जैसे बदलावों ने फिर से विवाद खड़ा कर दिया है। इसके अलावा, पूर्व में भरे गए लगभग साढ़े नौ लाख आवेदनों को निरस्त करने का फैसला भी बेरोजगार युवाओं और कर्मचारियों में नाराजगी का कारण बना हुआ है।
11 नवंबर 2024 को, इन मुद्दों के विरोध में प्रदेश भर के बेरोजगार युवाओं और कर्मचारियों द्वारा जयपुर में बड़े स्तर पर आंदोलन की योजना बनाई गई है। यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के इरादे से किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें हैं कि भर्ती प्रक्रिया में अनुभव प्रमाण पत्र में सक्षम अधिकारी का हस्ताक्षर अनिवार्य करने का नियम हटाया जाए, पूर्व में भरे गए आवेदनों को निरस्त करने के फैसले को वापस लिया जाए, और लंबे समय से लंबित सफाई कर्मचारी यूनियन के चुनाव कराए जाएं।
इस बीच, कर्मचारी नेता राकेश मीणा ने आज स्वास्थ्य एवं शासन मंत्री जवाहर सिंह खर्रा के निवास पर धरना दिया। उन्होंने सरकार से मांग की कि भर्ती प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सभी के लिए समान बनाए। धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए राकेश मीणा और उनके समर्थकों को वहां से हटाया।
राकेश मीणा ने कहा कि उनकी मांगें सरकार से सिर्फ इतनी हैं कि भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और सभी वर्गों के लिए सुलभ बनाया जाए। उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो प्रदेश भर के कर्मचारी और बेरोजगार एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएंगे।