पाकिस्तान फिर बेनकाब! BLA ने किए 71 हमले, बताया आतंकी देश

पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर घिरता नजर आ रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 71 समन्वित हमले किए हैं। इन हमलों को 'ऑपरेशन हीरोफ' का नाम दिया गया है। यह अभियान पाकिस्तान की सेना, खुफिया एजेंसियों और संसाधन-परिवहन से जुड़ी संरचनाओं को निशाना बनाने के लिए चलाया गया।
कहाँ हुए हमले?
BLA के अनुसार, ये हमले केच, पंजगुर, मस्तुंग, क्वेटा, जामुरान, टोलांगी, कुलुकी और नुश्की जैसे इलाकों में किए गए। BLA ने पाकिस्तानी सेना की चौकियों, पुलिस स्टेशनों, खुफिया एजेंसियों के कार्यालयों, खनिज ले जाने वाले वाहनों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया।
कैसे हुए हमले?
इन हमलों में IED धमाके, स्नाइपर फायर, घात लगाकर हमला और चौकियों पर कब्जा शामिल हैं। संगठन का कहना है कि यह सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ नहीं बल्कि पाकिस्तान की सैन्य नीतियों के खिलाफ एक निर्णायक जवाब है।
BLA का बड़ा दावा-
BLA के प्रवक्ता जियंद बलोच ने अपने बयान में कहा,
“पाकिस्तान शांति की भाषा एक रणनीतिक छलावे के तौर पर इस्तेमाल करता है। हर सीज़फायर, हर समझौता — बस एक धोखा है।”
संगठन ने पाकिस्तान को “आतंकवादियों की नर्सरी” बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि इस्लामाबाद को आधिकारिक रूप से 'आतंकी राष्ट्र' घोषित किया जाए।
भारत के लिए संदेश-
BLA ने भारत को भी चेताया कि "पाकिस्तान के साथ शांति की कोई भी बात एक रणनीतिक भूल हो सकती है।"
उन्होंने कहा कि "अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत ने अब भी निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो पाकिस्तान की मौजूदगी खुद वैश्विक तबाही का कारण बन सकती है।"
क्या है BLA?
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ रहा एक प्रमुख सशस्त्र संगठन है।
बलूच समुदाय पाकिस्तान पर राजनीतिक उपेक्षा, संसाधनों की लूट और मानवाधिकार हनन के गंभीर आरोप लगाता रहा है।
1948 में जबरन पाकिस्तान में शामिल किए गए बलूचिस्तान में आज भी गरीबी, बेरोज़गारी और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, जबकि क्षेत्र गैस, तांबा और समुद्री संसाधनों से भरपूर है।
मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट-
एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी संस्थाएं बताती हैं कि हजारों बलूच कार्यकर्ताओं, छात्रों और पत्रकारों को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा अगवा या मारा गया है।
कई इलाकों में गुप्त कब्रों की खोज ने स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है।
BLA का यह बयान और कार्रवाई दक्षिण एशिया की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन देने वाले देश के रूप में चिन्हित करने की माँग ज़ोर पकड़ रही है।
अब देखना यह है कि भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर क्या कदम उठाते हैं — क्योंकि एक बात तय है: बलूचिस्तान अब सिर्फ पाकिस्तान का अंदरूनी मसला नहीं रहा।