DOITC में करोड़ों का घोटाला, FIR दर्ज करने की मांग- डॉ. किरोड़ी लाल

DOITC में करोड़ों का घोटाला, FIR दर्ज करने की मांग- डॉ. किरोड़ी लाल

राजस्थान के गृह विभाग में राज्यमंत्री को एक पत्र के माध्यम से डॉ. किरोड़ी लाल द्वारा DOITC (Department of Information Technology And Communication) में बड़े घोटालों की जांच और FIR दर्ज करने की मांग की गई है। पत्र में दावा किया गया है कि DOITC के कई प्रोजेक्ट्स में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया है।

पत्र में विस्तृत रूप से 10 प्रमुख मामलों का उल्लेख किया गया है, जिनमें फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से करोड़ों रुपये का भुगतान उठाने, फर्जी टेंडर प्रक्रिया, फर्जी मानव शक्ति प्रमाण पत्र और राजकीय योजनाओं में गड़बड़ियां शामिल हैं।


                                                        दिनांक 15.9.2024

मा० राज्यमंत्री महोदय गृह विभाग राजस्थान सरकार जयपुर

विषयः - Department of Information Technology And Communication (DOITC) में फर्जीवाडा कर करोड़ों रूपये का गबन करने पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही किये जाने के संबंध में

मान्यवर,

उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि DOITC के फर्जीवाडों के संबंध में एडवोकेट डॉ० टी.एन. शर्मा द्वारा पिछले राज में बार-बार शिकायतें की तथा मैंने भी पूर्ववर्ती सरकार के सामने कई बार FIR दर्ज कराने की मांग की तत्समय कई बार पत्रकार वार्ता कर सरकार का ध्यान आकर्षिक किया। उसी दौरान सचिवालय में 2 करोड 31 लाख रू. नकद तथा एक किलो सोना एक अलमारी में मिला। मैंने स्वयं गणपति प्लाजा पंहुचकर DOIT तथा JM से सबंधित अधिकारियों का करोड़ों का काला धन, सोना एवं चांदी प्राइवेट लोकर्स से जप्त करवाया, जिनका ज़िक माननीय प्रधानमंत्री जी ने कई चुनावी सभाओं में जिक्र किया था। अब बीजेपी की सरकार है। अतः DOIT में जितने घोटाले हुए है उनके संबंध में एफआईआर दर्ज होना आवश्यक है। कम से कम 10 प्रकरण ऐसे है जिनमें पहले कहीं भी FIR दर्ज नहीं हुई है अतः आप पुलिस को निर्देशित करे की इनमें एफआईआर दर्ज कर तुरन्त कानूनी कार्यवाही की जाये, जिनका विवरण निम्नानुसार है
1.
M/S Linkwell के द्वारा EPDS प्रोजेक्ट के अंतर्गत उदयपुर जिला रसद अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके Rajcomp/DOITC से फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का भुगतान उठा लिए जाने के क्रम में राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड ने राजस्थान की एक योजना E&PDS में पॉइंट ऑफ सेल मशीनो की खरीद एवं रखरखाव के लिए कुछ कार्यादेश जारी किये जिनमे उदयपुर जिले के कार्यादेश Linkwell telesystems Pvt Limited - नाम की कंपनी को दिए गए, इन कार्यदेशो के

अनुसार सम्बंधित फर्मों को जिलों में मानव शक्ति लगानी थी एवं उनकी उपस्थित सम्बंधित अधिकारी से प्रमाणित करवा कर विभाग के मुख्य कार्यालय में जमा करवानी थी एवं इस आधार पर उन्हें मानव शक्ति का भुगतान किया जाना था। प्रार्थी डॉ टी एन शर्मा को सुचना के अधिकार के अंतर्गत पता चला की फर्म Linkwell telesystems Pvt Limited- ने उदयपुर जिले में लगाई गयी मानव शक्ति के जो दस्तावेज मुख्य कार्यालय में जमा करवाए है वो पूर्णत फर्जी है एवं उदयपुर जिला कार्यालय से ऐसे कोई दस्तावेज जारी ही नहीं किये गए। इस प्रकार फर्जी कागज़त पेश कर करोडों का चूना सरकार को लगाया है। अतः इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश प्रदान करें।

2. M/S Analogous के द्वारा EPDS प्रोजेक्ट के अंतर्गत टोंक जिला रसद अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके Rajcomp/DOIT&C से फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का भुगतान उठा लिए जाने के क्रम में - राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड ने राजस्थान की एक योजना E&PDS में पॉइंट ऑफ सेल मशीनो की खरीद एवं रखरखाव के लिए कुछ कार्यादेश जारी किये जिनमे टोंक जिले के कार्यादेश ANALOGICS TECH INDIA LTD- नाम की कंपनी को दिए गए, इन कार्यदेशो के अनुसार सम्बंधित फर्मो को जिलों में मानव शक्ति लगानी थी एवं उनकी उपस्थित सम्बंधित जिलों से प्रमाणित करवा कर विभाग के मुख्य कार्यालय में जमा करवानी थी एवं इस आधार पर उन्हें मानव शक्ति का भुगतान किया जाना था। प्रार्थी डॉ टी एन शर्मा को सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त दस्तावेजों से पता चला की फर्म ANALOGICS TECH INDIA LTD- ने टोंक जिले में लगाई गयी मानव शक्ति के जो दस्तावेज मुख्य कार्यालय में जमा करवाए है वो पूर्णतरू फर्जी है एवं टोंक जिला कार्यालय के द्वारा ऐसा किसी भी प्रकार का दस्तावेज जारी ही नहीं किया गया था। इसमें भी पुलिस की एफ.आई.आर दर्ज कराने हेतु निर्देशित करें।

3. M/S KK electrotrade के द्वारा RAAS (Rajasthan Accountability Assurance Services) प्रोजेक्ट के पूर्णत फर्जी दस्तावेजों से टेन्डर प्राप्त किया एवं करोड़ों का भुगतान उठाया – राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड ने उक्त टेन्डर के लिए पिछले तीन वर्ष का टर्नओवर औसत 20 करोड़ रुपये होना चाहिए। मगर Ministry of Corporate Affairs से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस फर्म का औसत टर्नओवर केवल 11 करोड़ रुपये प्रति वर्ष था। मगर प्रोजेक्ट संबंधित अधिकारी श्रीमती दीपशिखा सक्सेना ने फर्म के साथ मिलीभगत कर उसे करोडो के कार्यआदेश इस फर्म को दे दिए और श्रीमती दीपशिखा के संज्ञान में ला दिये जाने के बावजूद वित्त अधिकारी कौशल गुप्ता ने इस फर्म को करोडों का भुगतान कर दिया। अतः एफआईआर दर्ज करने हेतु निर्देशित करें।

4. M/S Shyam Kripa के द्वारा फाइबर आप्टिक केबल प्रोजेक्ट के पूर्णत फर्जी दस्तावेजों से टेन्डर प्राप्त किया एवं करोड़ों का भुगतान उठाया राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड ने उक्त टेन्डर के लिए पिछले तीन वर्ष का टर्नओवर औसत 5 करोड़ रुपये होना चाहिए मगर Ministry of Corporate Affairs से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस फर्म का औसत टर्नओवर केवल 3.17 करोड़ रुपये प्रति वर्ष था। मगर प्रोजेक्ट संबंधित अधिकारी श्री कुलदीप यादव ने फर्म के साथ मिलीभगत कर उसे करोडो के कार्यआदेश इस फर्म को दे दिए और जानकारी में आने के बावजूद वित्त अधिकारी कौशल गुप्ता ने इस फर्म को करोडों का भुगतान कर दिया। कुलदीप यादव के जयपुर स्थित फ्लेट में करीबन 04 करोड का Interior Decoration का कार्य करवाया है एवं इसकी पत्नि का 50 हज़ार रूपये प्रतिमाह स्पा का खर्चा है। इसके यहां आय से अधिक सम्पत्ति का छापा भी पड चुका है। अतः इस मामले में एफआईआर दर्ज करने हेतु निर्देशित करें।

5. DOITC के अधिकारी आशुतोष देशपांडे और RC शर्मा के द्वारा DOIT&C से फर्जी दस्तावेजों के द्वारा Precise Robotics and Automation को एक टेन्डर F-

11 (43%/DoIT/Project/07/Part&IV/I/29373/2015 दिनांक 27-02-15 दे दिया गया, उसके बाद एक अन्य प्रोजेक्ट में इस फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया मगर उक्त अधिकारी इस फर्म को बार-बार कार्यआदेश देते रहे। इसमें करोडों का घालमेल है। अतः इस मामले में भी एफआईआर दर्ज करवाने के लिये निर्देशित करें। .

M/S Balaji info lubes के द्वारा Police head quarter से फर्जी दस्तावेजों के द्वारा टेन्डर प्राप्त करने के संदर्भ में कार्यालय अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, (अपराध) राजस्थान जयपुर के द्वारा एक टेन्डर निकाला गया था जिसका नम्बर क्रमांक व-15() सीबी / स्टोर / ई-टेन्डर / ईएमसीआर/2016-2017/503 था जिसके अन्तर्गत सॉफ्टवेयर बनाने के लिये निविदा आमंत्रित की गई थी। इस निविदा में बालाजी इन्फो लयूब को कार्यआदेश दिया गया जब कि उक्त फर्म में पूर्णत फर्जी दस्तावेज पेश किये एवं उक्त फर्म को नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के द्वारा अपने पत्र संख्या एनएफएल-पीयूआर/पीओसी-एमसी / 10479/16/पीओ केन्सल दिनांक 02-11-2016 के द्वारा 2 वर्ष के लिए किसी भी टेन्डर में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। मगर फिर भी जानबूझकर सुशील अग्रवाल ने आपराधिक षड़यंत्र रचकर फर्जी दस्तावेज बनाकर उक्त टेन्डर में प्रस्तुत किये एवं टेन्डर हासिल किया। तत्पश्चात् कार्यालय आदेश दिनांक 27-02-2017 को इसका पूरा भुगतान रू 9 लाख 51 हजार भी प्राप्त कर लिये। इसके अन्तर्गत एफआईआर दर्ज करने हेतु निर्देशित करें।

7.

M/S Balaji info lubes के द्वारा Food and Civil Supply Corporation से फर्जी दस्तावेजों के द्वारा टेन्डर प्राप्त करने के संदर्भ में राजस्थान सरकार के विभाग खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति कॉर्पोरेशन लिमि. के द्वारा राजस्थान की सभी राशन दुकानों पर POS (Point of Sale) मशीन उपलब्ध करवाने के लिए 135 करोड़ रुपये का टेन्डर निकाला गया, जिसका टेन्डर आइडी GEM/2021/B/1324981 था। इसके अंतर्गत फर्म को कुल 27000 POS मशीन वितरित करनी थी तथा उनका रखरखाव करना था। राजस्थान सरकार के द्वारा जारी किये गये उक्त संदर्भित टेंडर के अन्तर्गत एल/1 विडर M/S Compact Computer एवं मैसर्स बालाजी इन्फोल्यूब को टेंडर दिये गये जो कि Public Procurement Division Department of EÛpenditure Ministry of Finace के पत्रांक संख्या 6/18/2019- पीपीडी दिनांक 23-07-2020 के पूर्णतया उल्लघन हैं। यहाँ पर यह ध्यान रखनें योग्य बात है कि उक्त फर्म ने समस्त पीओएस मशीन चाइनामेड सप्लाइ की है मगर फर्म की सरकार में उच्च स्तर पर मिलीभगत होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। साथ ही इन दोनों फार्मों के पास टेन्डर में भाग लेने के लिए आवश्यक अनुभव एवं टर्न ओवर नहीं था। इस प्रकरण में डीआईपीआर (Coorporate Ministry) से विदेशी माल मंगवाने के लिए अनुमति भी नहीं ली गई। अतः एफआईआर दर्ज करने के लिये निर्देशित करें।

RC Sharma पूर्व अतिरिक्त निदेशक DOITC के द्वारा दस्तावेजों में काँट छाँट कर निजी फर्मों को करोड़ों रुपये पूर्णत फर्जी तरीके से दिलवा दिए गए। जिन फर्मों का कार्यआदेश केवल 2020 तक था, DOIT के अधिकारियों ने फाईल पर वाइनर लगा लगा कर 2 वर्षों तक आगे बढ़ाते रहे और राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया एवं इसमें पूरी तरह से फर्जीवाडा किया गया।

9. Pradyuman Dixit Joint Director DOITC के द्वारा अपनी धर्म पत्नी के खाते में रिश्वत लेने के क्रम में – करीब सात साल तक प्रधयुमान दीक्षित ने लगातार अपनी धर्मपत्नी के खाते में रिश्वत ली, जोकि दस्तावेजो से प्रमाणित है।

10. रणवीर सिंह Joint Director DOITC के द्वारा अपनी धर्म पत्नी कि कंपनी में रिश्वत लेने के क्रम में – रणवीर सिंह ने एक कंपनी COREOps नाम से बनाई और जिन जिन फर्मों को टेन्डर दिए उनसे पैसे इस कंपनी के अकाउंट में रिश्वत के तौर पर लिए। जोकि दस्तावेजों से प्रमाणित है।.

इसी प्रकार से DOIT की विभिन्न योजनाओं में बडे-बडे अधिकारियों के द्वारा करीब 3500 करोड रूपये के घोटाले किये गये, जिनमें परिवाद संख्या 281/2019 एवं 19/2020 जो ACB जयपुर में दर्ज किये थे। ACB जयपुर ने पूर्ववर्ती सरकार से इन परिवादों की जांच करने के लिये PC ACT की धारा 17 (ए) के अन्तर्गत जांच की

स्वीकृति मांगी, लेकिन पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने यह स्वीकृति देने से मना कर
अधोलिखित योजनाओं में भारी घोटाला किया गया।
* मेनपावर घोटाला।
* राजनेट प्रोजेक्ट का घोटाला।
* वीडियो वॉल एवं ई-मित्र + मशीन का घोटाला।
* डीजिटल पेमेन्ट किट, माईको एटीएम मशीन, ई-साइन, Wildlife Servilance घोटाला।
* Fiber Optic Cable घोटाला आदि प्रमुख है।

* Project Management Unit for Social Media Development activities:- इसमें बडे पेमाने पर करोडों रूपये की लूट की है। जैसे management unit के लोग ने अगर Travel and Accommodation in Rajasthan तो प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 2 लाख 61 हजार 400 रूपये का भुगतान DOIT से दिया गया है और अगर Travel and Accommodation outside Rajasthan but within India तो प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 4 लाख 95 हजार 666 रूपये DOIT से दिया गया है।

ये सभी मामले पिछली सरकार के समय भी जानकारी में लाये गये थे। इनमे से कुछ मामलों को लेकर मैंने कई बार पत्रकार वार्ता भी की थी एवं इन मामलों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर एफआईआर दर्ज कराने की कई बार मांग की थी। एफआईआर दर्ज कराने हेतु अशोक नगर थाने पर भी तीन दिन तक धरना दिया था, किन्तु एफआईआर दर्ज करना तो दूर की बात पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर वहां से हटा दिया।

अतः उक्त दस प्रकरणों से संबंधित सभी मजबूत प्रमाण संलग्न है, निवेदन है कि सभी प्रकरणों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश पुलिस को दिये जायें।

संलग्न :- डॉ० टी.एन. शर्मा द्वारा भेजी गई 10 एफआईआर का मजमून मय उनके प्रमाण अवलोकनार्थ संलग्न है।

सादर
< 15/9/2024 >
(डा. किरोड़ी लाल)