सिंगापुर निवेशक रोड शो से ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए बना माहौल

सिंगापुर निवेशक रोड शो से ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए बना माहौल

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में सिंगापुर का सफल दौरा किया.  इस दौरे का मुख्य उद्देश्य ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना था.

इस चार दिवसीय यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में आयोजित एक इन्वेस्टर रोड शो में भाग लिया और वहां की कई प्रमुख कंपनियों से मुलाकात की.  इनमें सेम्बकॉर्प, पीएसए होराइजन्स, सुरबाना जुरोंग, एसटी इंजीनियरिंग, और मैपलट्री इन्वेस्टमेंट्स जैसी कंपनियों ने राज्य सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई. कर्नल राठौड़ ने बताया, “इन्वेस्टमेंट समिट से पहले इन्वेस्टर रोड शो का आयोजन करने का उद्देश्य राजस्थान में उपलब्ध नए निवेश अवसरों की जानकारी देना है। सिंगापुर की कंपनियों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया हमारे प्रयासों की सही दिशा को दर्शाती है।” इस दौरे के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर की शहरी विकास, जल प्रबंधन और सार्वजनिक परिवहन में विशेषज्ञता रखने वाली एजेंसियों से भी मुलाकात की। इनमें एंटरप्राइज सिंगापुर, सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड और पब्लिक यूटिलिटीज बोर्ड शामिल थे. राजस्थान सरकार की ओर से सिंगापुर को आगामी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का 'पार्टनर कंट्री' बनने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस समिट का आयोजन 9 से 11 दिसंबर 2024 तक जयपुर में होगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के उद्योगों को राज्य में आमंत्रित करना है. राजस्थान सरकार ने सिंगापुर के साथ-साथ दिल्ली, मुंबई, दक्षिण कोरिया, जापान, दुबई और कतर में भी इन्वेस्टर रोड शो आयोजित किए हैं। इस व्यापक प्रयास के तहत अब तक 12.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो राज्य सरकार की नीतियों पर निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है.

आगामी ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में कृषि, अक्षय ऊर्जा, और आईटी जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस समिट का नॉलेज पार्टनर पीडब्ल्यूसी (PwC) इंडिया है, जबकि सीआईआई इस समिट का इंडस्ट्री पार्टनर है. राजस्थान सरकार की इस पहल से राज्य में आर्थिक विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.