राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, विपक्ष का विरोध तेज़

राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, विपक्ष का विरोध तेज़

गुरुवार देर रात राज्यसभा में 12 घंटे लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन बिल पास हो गया। बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि 95 सांसदों ने इसका विरोध किया। इससे पहले यह बिल बुधवार को लोकसभा से पास हो चुका है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह X पर इस बिल के पास होने पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- 
“वक्फ संपत्तियों में सालों से गड़बड़ी हो रही थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को नुकसान हुआ। यह नया कानून इस समस्या को दूर करेगा। यह पारदर्शिता बढ़ाएगा और गरीब-पसमांदा मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा करेगा।”

राज्यसभा में गरमाई बहस, BJP ने ताजमहल तक का ज़िक्र किया

चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “वक्फ बोर्ड ने एक बार ताजमहल पर भी दावा कर दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी।”
वहीं, बीजू जनता दल ने बिल पर अपने सांसदों के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया था और कहा था कि वे "अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर फैसला लें।”

विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा, कांग्रेस और DMK ने दी चेतावनी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बिल को संविधान विरोधी बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

बिल का समर्थन कर फंसी JDU, 5 मुस्लिम नेताओं ने दिया इस्तीफा
बिल को JDU द्वारा समर्थन दिए जाने के बाद पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं में नाराज़गी फूट पड़ी है। इस फैसले से असंतुष्ट होकर पार्टी के 5 मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें शामिल हैं- मोहम्मद शाहनवाज मलिक (प्रदेश सचिव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ), मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग (प्रदेश महासचिव), मोहम्मद दिलशान राईन (भोजपुर), मोहम्मद कासिम अंसारी (पूर्व प्रत्याशी, ढाका विधानसभा). 

बिल पास होने के बाद आज पहला जुमा है, जिसको लेकर कई शहरों में तनाव की आशंका जताई जा रही है। यूपी के विभिन्न शहरों में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। दिल्ली और मुंबई समेत कई मेट्रो शहरों में सुरक्षा को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की निगरानी, पारदर्शिता और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करना है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ बोर्ड की जवाबदेही तय होगी और संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा। हालांकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बता रहा है।