दौसा से उठी देशभक्ति की लहर, BSF जवानों के समर्थन में परिवार सहित किया रक्तदान

ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत देश के वीर जवानों के समर्थन में अब आम नागरिक भी पूरे जोश और भावना के साथ आगे आ रहे हैं। भारत-पाक सीमा पर चल रहे संघर्ष के बीच, पंजाब बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जांबाज़ सिपाही नहनूराम मीणा, जो राजस्थान के दौसा जिले के निवासी हैं, अपनी वीरता से देश की रक्षा कर रहे हैं।
इनकी बहादुरी और देश के प्रति समर्पण को सम्मान देने के लिए दौसा के जिला चिकित्सालय में लाली मीणा ने अपने पूरे परिवार के साथ रक्तदान कर एक मिसाल कायम की। उन्होंने भावुक होते हुए कहा –
"हमारे सैनिक दिन-रात हमारी रक्षा में लगे हैं, कई घायल हो रहे हैं। हम चाहते हैं कि इलाज के समय खून की कमी आड़े न आए। यही हमारी सच्ची सेवा है।"
ऑपरेशन सिंदूर: एक भावनात्मक आंदोलन
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए कार्यक्रम आयोजक अरबाज खान ने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि यह भारतवासियों की सामूहिक चेतना का प्रतीक बन चुका है। आज हर नागरिक सेना और देश के लिए तैयार खड़ा है। यदि समय आया, तो हम भी सीमा पर जाने को तैयार हैं।”
उनके शब्दों ने उपस्थित लोगों में उत्साह भर दिया और देश के प्रति सेवा का जज़्बा फिर एक बार जाग उठा।
जनता से अपील: सहयोग की आवश्यकता आज ही है
देशभर के नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे अपने-अपने स्तर पर सैनिकों का मनोबल बढ़ाएं, चाहे वह रक्तदान हो, आर्थिक सहयोग हो या सिर्फ एक प्रार्थना ही क्यों न हो। इस कठिन समय में हर छोटी पहल एक बड़ी ताकत बन सकती है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
-
बॉर्डर पर घायल जवानों के लिए रक्त की आपूर्ति अत्यंत आवश्यक है।
-
सैनिकों का मनोबल देशवासियों के सहयोग से और अधिक मज़बूत होता है।
-
यह अभियान युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करता है।
समर्थन की एक लहर बने - ऑपरेशन सिंदूर
यह सिर्फ दौसा की बात नहीं है — देशभर से हजारों लोग ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में आगे आ रहे हैं। यह एक राष्ट्र की एकजुटता की कहानी है, जहाँ सीमाओं की सुरक्षा केवल सैनिक ही नहीं, बल्कि आम जनता भी अपने भावनात्मक जुड़ाव से कर रही है।