बाबा साहेब ने दिलाया समानता, सुरक्षा और न्याय का अधिकार - यूनुस खान

बाबा साहेब ने दिलाया समानता, सुरक्षा और न्याय का अधिकार - यूनुस खान

डीडवाना आजाद राष्ट्र को सही दिशा देने के लिए हमारे लोगों ने जो प्रयास किए उन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज हम एक उन्नत और विकसित राष्ट्र के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके है और इस राष्ट्र को सुरक्षित आगे बढ़ने के लिए जिस संविधान की जरूरत थी उसके निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. बाबा साहेब अंबेडकर की 133वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मौलासर में क्षेत्रीय विधायक यूनूस खान ने यह बात कही, खान ने कहा कि देश संविधान से चलता है  और जिस संविधान से देश चल रहा है उसका निर्माण बाबा साहेब ने किया, खान ने कहा कि बाबा साहब ने हमें लोकतंत्र का महा पर्व दिया और हर जाति, वर्ग, धर्म, समुदाय के लोगों को एक जैसा जीवन जीने का स्वतंत्र अधिकार दिया.

खान ने कहा कि यह संविधान की ही ताकत है कि एक नागरिक अपनी मत की ताकत से जन प्रतिनिधि का चुनाव करता है और वो जन सेवक हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करें, उन्होंने कहा कि इस संविधान ने गरीब को, कमजोर को, पीड़ित को हर दृष्टि से सक्षम बनाने का मार्ग दिखाया है, खान ने कहा कि हम बाबा साहेब श्रद्धांजलि अर्पित करते है और यह संकल्प लेते है कि पीड़ित की प्रताड़ना बंद हो, वंचित को अधिकार मिले और देश के हर नागरिक के साथ समानता का बर्ताव हो । उल्लेखनीय है इस दौरान मौलासर कस्बे में एक विशाल रैली का आयोजन भी किया गया । खान ने आयोजन अध्यक्ष बजरंग मेघवाल और महेश कुमार सांखला जिला अध्यक्ष अम्बेडकर शिक्षक संघ डीडवाना कुचामन और आयोजन संस्था मेघवाल समाज विकास संस्थान मौलासर का आभार ज्ञापित किया . इसके बाद खान डीडवाना में लाडनूं रोड स्थित अंबेडकर सर्किल पहुंचे जहां सैंकड़ों समर्थकों के साथ प्रतिमा का माल्यार्पण कर नमन किया, खान ने कहा कि 2013 से 2018 के मेरे कार्यकाल के दौरान इस विशाल प्रतिमा की स्थापना हुई यह मेरे गर्व की बात है । इस दौरान प्रभूराम कड़ेला, राजू राम चांदबासनी, महावीर ओझा, राजेंद्र सिंगी, किशन व्यास, नासीर मॉर्डन, अली खान, मांगू राम रोहलन, रघुनाथ प्रसाद, महेश सांखला प्रह्लाद राम, बजरंग राम, गिरधारी राम, चेना राम बलारा, मुस्ताक खान धनकोली, दुर्ग सिंह बेगसर, सुरजमल राठी, सुरेश सांखला, हेमा राम रोहलन, हीर सिंह बलारा, जोगेंद्र बलारा, दोलाराम सिंघाना, प्रह्लाद राम लूणिया, राजेंद्र सिंह बेगसर आदि प्रबुद्ध जन उपस्थित थे.