जयपुर में गूंजा 'भारत माता की जय', सिंदूर यात्रा में दिखा महिला शक्ति का अद्भुत स्वरूप

राजधानी जयपुर की ऐतिहासिक गलियां सोमवार को देशभक्ति के रंग में रंगी नजर आईं, जब 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के उपलक्ष्य में महिला शक्ति ने एक भव्य ‘सिंदूर यात्रा’ का आयोजन किया। हवा महल से छोटी चौपड़ तक निकाली गई इस यात्रा में हजारों महिलाओं की भागीदारी ने पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं अपनी धर्मपत्नी गीता देवी के साथ पैदल यात्रा में शामिल हुए। यात्रा की शुरुआत हवा महल से हुई और यह बड़ी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार होते हुए छोटी चौपड़ पर समाप्त हुई। पूरे मार्ग में जयकारों, वंदे मातरम् के नारों और केसरिया ध्वजों की गूंज से माहौल पूरी तरह देशभक्ति में सराबोर हो गया।
मुख्यमंत्री ने किया ऑपरेशन सिंदूर की वीरता का गुणगान
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवादियों को करारा जवाब दिया। बहनों का सिंदूर उजाड़ने की नापाक कोशिश करने वालों को ऐसा सबक सिखाया गया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।"
उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और सम्मान की रक्षा का प्रतीक है। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि इन वीरांगनाओं ने भारत की नारी शक्ति को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाया।
महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी
इस सिंदूर यात्रा में डिप्टी सीएम दीया कुमारी, जयपुर सांसद डॉ. मंजू शर्मा, जयपुर हैरिटेज मेयर कुसुम यादव, भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अल्का गुर्जर, प्रदेश महामंत्री संतोष अहलावत, प्रदेश मंत्री स्टेफी चौहान सहित अनेक प्रमुख महिलाएं शामिल हुईं। वे देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पैदल चलीं।
महिलाएं हाथों में तिरंगा, सिर पर केसरिया चुनरी और माथे पर सिंदूर सजाए, राष्ट्रप्रेम के गीतों के साथ आगे बढ़ रही थीं। इस दृश्य ने मानो यह संदेश दे दिया कि जब भी देश की अस्मिता पर संकट आता है, नारी शक्ति सबसे पहले मोर्चा संभालती है।
पुष्प वर्षा और भव्य स्वागत
पूरे मार्ग में यात्रा का कई स्थानों पर फूलों से स्वागत किया गया। जयपुरवासियों ने छतों और दुकानों से पुष्प वर्षा कर महिला शक्ति को सम्मानित किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए इसका हिस्सा बनने पर गर्व महसूस किया।
क्यों महत्वपूर्ण है यह यात्रा?
यह यात्रा सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है—सिंदूर सिर्फ एक सौंदर्य प्रसाधन नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आस्था और सम्मान का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, नारी शक्ति का आत्मबल और राष्ट्रभक्ति की भावना, तीनों को एक साथ प्रस्तुत करती इस यात्रा ने यह जता दिया कि भारत की महिलाएं आज सिर्फ घर की लक्ष्मी नहीं, बल्कि राष्ट्ररक्षा की अग्रदूत भी हैं।