कांग्रेस नहीं कर पा रही उम्मीदवारों की घोषणा
देश भर में लोकसभा चुनावी माहौल धूमधाम से शुरू हो चुका है, और यूपी के 8 सीटों के लिए भी मतदान का दौर 19 अप्रैल को होगा. लेकिन कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पा रही है. कांग्रेस को यूपी में उम्मीदवार तय करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश मान्यताओं के मुताबिक, वे बसपा के वोटबैंक को ध्यान में रखकर उम्मीदवार की घोषणा करने में अटके हुए हैं. कांग्रेस की उम्मीद है कि मायावती चुनावी मैदान में परिवर्तन लाएं और वह उनके साथ मिल जाएं.
इसके लिए वे मायावती को अपने हिस्से की सीटें देने के लिए तैयार हो सकते हैं. यूपी में सपा 63 सीटों पर, और कांग्रेस 17 सीटों पर लड़ेगी, लेकिन मायावती ने अब तक इसकी मंजूरी नहीं दी है. वे कई बार इसे इनकार कर चुकी हैं. यूपी की राजनीति में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वोटरों का बड़ा भूमिका होता है. इसलिए, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है. अखिलेश यादव ने अपने नए नारे 'पीडीए' के माध्यम से इस विचार को बढ़ावा दिया है. 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए के घटक दल ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बीच, कांग्रेस ने 2019 में एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत हासिल की थी.