राजस्थान की राजनीति में 'सर्कस' पर बहस: अशोक गहलोत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ आमने-सामने

राजस्थान की राजनीति में 'सर्कस' पर बहस: अशोक गहलोत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ आमने-सामने

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों 'सर्कस' शब्द काफी चर्चा में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में कहा था कि राजस्थान में सरकार नहीं, बल्कि सर्कस चल रहा है। इस बयान का जवाब राजस्थान सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने दिया। उन्होंने अशोक गहलोत और पिछली गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जिन लोगों ने अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में इन्वेस्टमेंट समिति की और करोड़ों रुपए खर्च किए, उसका कोई नतीजा नहीं निकला। सर्कस तो वह होता है, जो सरकार राजस्थान को सुशासन नहीं दे सकी और बार-बार होटल में जाकर खुद को पुलिस से घेर लेती थी। सर्कस वह होता है, जब सरकार के मंत्री विधानसभा में कहें कि यह मर्दों का प्रदेश है।"

राठौड़ ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने चुनाव के बावजूद चार महीने में इन्वेस्टमेंट समीट की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, "हम केवल बोलने से सर्कस नहीं करते, जो सर्कस बोल रहे हैं, वे खुद सर्कस के आदी हो चुके हैं, इसलिए उन्हें सर्कस याद आता है।"

राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राठौड़ ने कहा कि जिम्मेदारियों का बंटवारा कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान में मजदूरों की कोई समस्या नहीं है, और यहां का लेबर इनेबलर है, लिमिटर नहीं। "राजस्थान शांतिप्रिय राज्य है, और हमारा लक्ष्य कानून-व्यवस्था को और बेहतर करना है," राठौड़ ने कहा।