रक्तदान से लेकर शिक्षा तक: दिव्यांग कालूराम मीना के अनोखे प्रयास!
सवाई माधोपुर जिले के छोटे से गांव जोलन्दा के दिव्यांग कालूराम मीना ने अपने क्षेत्र में जनसेवा के अनोखे प्रयासों से एक अलग पहचान बनाई है। भले ही वह शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, लेकिन उनके हौसले और सेवा भावना ने उन्हें क्षेत्र का प्रेरणास्त्रोत बना दिया है।
प्रधानाचार्य ने दी स्वतंत्रता दिवस समारोह की निमंत्रण
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोलन्दा के प्रधानाचार्य प्रभुदयाल मीना और शिक्षक फैलीराम मीना ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के निमंत्रण के लिए कालूराम मीना के निवास पर भेंट की। इस दौरान बच्चों की शिक्षा, कंप्यूटर कोर्स के लिए बिजली की समस्या और लाइब्रेरी जैसी बुनियादी जरूरतों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
रक्तदान शिविरों के माध्यम से जीवन बचाने की पहल
कालूराम मीना ने सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, लालसोट, दौसा और करौली जैसे क्षेत्रों में अनेक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर लोगों की मदद की है। इन शिविरों के जरिए उन्होंने रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को राहत प्रदान की। उनकी इस निस्वार्थ सेवा ने उन्हें समाज का आदर्श बना दिया है।
बच्चों की शिक्षा और लाइब्रेरी के लिए प्रयास
प्रधानाचार्य प्रभुदयाल मीना और कालूराम मीना के बीच हुई चर्चा में बच्चों की शिक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। क्षेत्र में लाइब्रेरी की स्थापना और कंप्यूटर शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए बिजली की समस्या को दूर करने पर जोर दिया गया। कालूराम मीना ने इन समस्याओं को मीडिया और प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का प्रयास
कालूराम मीना का उद्देश्य केवल लोगों की समस्याओं का समाधान करना नहीं है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना है। उन्होंने न केवल दिव्यांग व्यक्तियों को प्रेरित किया है, बल्कि अपने प्रयासों से हर वर्ग के लोगों के दिलों में जगह बनाई है।
समाजसेवा के लिए प्रेरणा
कालूराम मीना की कहानी यह साबित करती है कि शारीरिक सीमाएं किसी के हौसलों को रोक नहीं सकतीं। उनका समर्पण और निस्वार्थ सेवा भावना समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पवन कुमार शर्मा,
वरिष्ठ पत्रकार।