इजराइल ने ईरान के अराक हेवी वॉटर रिएक्टर पर किया हमला, परमाणु संघर्ष की आशंका गहराई

इजराइल ने ईरान के अराक हेवी वॉटर रिएक्टर पर किया हमला, परमाणु संघर्ष की आशंका गहराई

इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया, जब इजराइली सेना (IDF) ने ईरान के अराक हेवी वॉटर रिएक्टर पर मिसाइल हमला कर दिया। यह रिएक्टर ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम का अहम हिस्सा माना जाता है। हमले के बाद इलाके में तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, हालांकि अब तक किसी आधिकारिक नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।

इससे कुछ घंटे पहले ही इजराइल की ओर से अराक और खोंडब शहर के नागरिकों को इलाका खाली करने की चेतावनी जारी की गई थी। खोंडब में स्थित IR-40 हैवी वॉटर रिएक्टर भी ईरान के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

क्या है अराक और खोंडब की अहमियत?

अराक का हैवी वॉटर रिएक्टर ईरान के प्लूटोनियम उत्पादन का मुख्य स्रोत है, जिससे परमाणु हथियारों के निर्माण में मदद मिलती है। वहीं, खोंडब में स्थित IR-40 रिएक्टर इस कार्यक्रम को और ताकत देता है। ये दोनों स्थान अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में हैं।

इन दोनों शहरों को निशाना बनाकर इजराइल ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

ईरान का पलटवार: मिसाइलों से इजराइल पर हमला

इजराइली हमले के कुछ ही घंटों बाद, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल के चार शहरों पर मिसाइलें दागीं।
इनमें बीर्शेबा, तेल अवीव, रमत गान और होलोन शामिल हैं।

बीर्शेबा के सोरोका हॉस्पिटल को हमले में भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि होलोन में हुए हमले में कम से कम 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं। बीर्शेबा में एक व्यक्ति की मौत की भी खबर है।

हैकर्स की जंग: IRIB टीवी चैनल पर साइबर अटैक

इस बीच, इजराइल समर्थित हैकर्स ने ईरान की सरकारी प्रसारण सेवा IRIB समेत कई न्यूज़ चैनलों को हैक कर लिया। इन चैनलों पर 2022 के विरोध प्रदर्शनों के वीडियो चलाए गए, जिनमें महिलाएं बाल काटकर कट्टरपंथी शासन के खिलाफ आवाज उठा रही थीं। इस साइबर अटैक को एक मानसिक दबाव की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

अब तक का नुकसान

एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार, अब तक इस संघर्ष में:

  • ईरान में 639 लोगों की मौत हो चुकी है

  • 1329 लोग घायल हुए हैं

  • वहीं, इजराइल ने अब तक 24 नागरिकों की मौत की पुष्टि की है

दुनिया भर में चिंता

इस ताजा घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला किसी भी जंग को और गंभीर दिशा में ले जा सकता है। अमेरिका, रूस और संयुक्त राष्ट्र की निगाहें अब इस संघर्ष पर और ज्यादा गंभीरता से टिकी हैं।