MLA साहब के हुए रोंगटे खड़े !
जयपुर । गुरुवार को विधानसभा में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलतों पर चर्चा के दौरान रविन्द्र सिंह भाटी ने सदन में अपना वक्तव्य दिया। भाटी ने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए बताया कि वह जब भी खाद्य आपूर्ति के बारे में पढ़ते है तो उनके हाथों के रोंगटे खड़े हो जाते है क्यूंकि इसमें जिन लोगों के बारे में हमारे उन भाइयों के बारे में बात होती है जो आर्थिक रूप से कमजोर है, जो बीपीएल परिवार है, जिनके पास खाने के लिए पर्याप्त खाना नहीं है। भाटी ने खाद्य सुरक्षा मंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि राशन की नई दुकानों की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। भाटी ने कहा की आज भी ऐसे कई लोग है जिनका नाम अब भी बीपीऐल के अंदर रजिस्टर्ड नहीं है, ऐसे जो आखरी पंक्ति के व्यक्ति है उनके नाम इस लिस्ट में कैसे जोड़े ताकि उनके परिवार तक पर्याप्त मात्रा में राशन पहुंच सके इस मामले पर सरकार को संवेदनशीलता से विचार करने की ज़रूरत है। भाटी ने कहा कि उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह नई राशन की दुकानें खिलायेंगे और वंचित व्यक्ति तक राशन पहुँचाने का काम करेंगे। भाटी ने कहा की राशन दुकान मालिकों की भी मानदेय को एवं अन्य चीज़ों को लेकर कुछ समस्याएँ है जिनपर ध्यान देने की सरकार को ज़रूरत है। भाटी ने साथ ही साथ कहा कि सरकार को अन्न की क्वालिटी पर ध्यान देने की ज़रूरत है। जितना भी खाद्य का समान है वो अगर उपभोक्ताओं को शुद्ध मिलेगा तो ऐसे में यह वंचित लोग स्वस्थ रहेंगे।
भाटी ने सदन में सहकारिता मामलों पर बोलते हुए सदन में कहा कि वह इस सदन में नए है एवं उनके लिए यह विभाग भी बिल्कुल नया है। भाटी ने कहा की सहकारिता के मामले में वह बहुत ज़्यादा कुछ नहीं जानते है और दुख की बात है कि सिर्फ़ वह ही नहीं बल्कि बाक़ी जनता भी इसके बारे में ज़्यादा जानती नहीं है। भाटी ने कहा कि जब उन्होंने इस विभाग के बारे में पढ़ा तो उन्हें पता लगा कि यह बिल्कुल ज़मीन से जुड़ा हुआ विभाग है, भाटी ने कहा की जब उन्होंने इस बारे में पढ़ा एवं बाड़मेर-जैसलमेर के वार्षिक प्रतिवेदन के बारे में पढ़ा तो उन्हें पता लगा कि तमाम ऐसी चीज़ें जो किसान के रोज़मर्रा की चीज़ें है जैसे सुपरमार्केट आदि वह इसमें पायी जा रही है। भाटी ने सरकार से कहा कि आप पूरा पर्यास कर रहे है लेकिन हमे यह देखना चाहिए की क्या यह चीज़ें धरातल तक पहुँच पा रही है, क्या यह जो समितिया बनी हुई है यह धन से अपना काम कर रही है, क्या जो व्यवस्था पद पर है वह ठीक से इसकी व्यवस्था कर पा रहे है। भाटी ने कहा कि पक्ष-विपक्ष दोनों को साथ मिलकर इस पर एक सकारात्मक चर्चा करनी चाहिए एवं इन चीज़ों को देखना चाहिए। भाटी ने मंत्री के आगे सहकारिता विभाग में कार्यरत निरीक्षकों की माँग उठाते हुए कहा की उनकी पदोन्नति का अनुपात जो 70-30 है अतिरिक्त रजिस्ट्रार पदों पर किया जाये जैसे की शिक्षा विभाग में किया जा रहा है। भाटी ने सहकारिता मंत्री से निवेदन किया की इस विभाग की एक प्रॉपर मॉनिटरिंग का सिस्टम बनाया जाये।