पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के ठिकानों पर छापे

राजस्थान की सियासत एक बार फिर भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। देश के सबसे बड़े चिटफंड घोटालों में से एक — PACL घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के ठिकानों पर छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी को शक है कि खाचरियावास को इस घोटाले से सीधा या परोक्ष लाभ हुआ है। PACL स्कीम को 2014 में SEBI ने अवैध घोषित किया था और 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए पूर्व CJI आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी।
क्या है PACL घोटाला?
PACL यानी Pearls Agrotech Corporation Ltd ने देशभर में रियल एस्टेट निवेश का झांसा देकर लोगों से पैसे जमा करवाए।
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राजस्थान में ही 28 लाख निवेशकों से करीब 2,850 करोड़ रुपये की ठगी
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देशभर में 5.85 करोड़ लोगों से 49,100 करोड़ रुपये की उगाही
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SEBI के मुताबिक, कंपनी के पास 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है
राजनीति और घोटाला — बड़ा कनेक्शन?
इस पूरे मामले में ईडी उन नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों की पहचान करने में जुटी है जो PACL के जरिए लाभान्वित हुए।
प्रताप सिंह खाचरियावास फिलहाल इस जांच में सबसे बड़ा नाम हैं।
2011 में जयपुर के चौमूं थाने से इस घोटाले की FIR की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद देशभर में मामले दर्ज हुए।
क्या होगा आगे?
प्रवर्तन निदेशालय की जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में राजनीति से जुड़े और नाम भी सामने आ सकते हैं। PACL की संपत्तियों को बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया अभी जारी है, लेकिन इस बीच राजनीतिक हलकों में खलबली तेज हो गई है।