Rajasthan के मदरसों में सेनेटरी अवेयरनेस, मदरसा जामिया तय्यबा में अभियान का अंतिम चरण

Rajasthan के मदरसों में सेनेटरी अवेयरनेस,  मदरसा जामिया तय्यबा में अभियान का अंतिम चरण

राजस्थान मदरसा बोर्ड और जगन फाउंडेशन की संयुक्त पहल 'पीरियड का पीरियड' अभियान का अंतिम चरण बुधवार को जयपुर जिले के नाहरी का नाका स्थित मदरसा जामिया तय्यबा मेमोरियल स्कूल में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अभियान का उद्देश्य मदरसों में पढ़ने वाली छात्राओं को माहवारी (पीरियड) से जुड़ी जागरूकता और स्वच्छता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करना था।

कार्यक्रम में राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव चेतन चौहान, जयपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अभिषेक सिद्ध, जगन फाउंडेशन की निदेशक मालविका मुद्गल, मदरसा बोर्ड के पीआरओ कारी मोहम्मद इसहाक और स्कूल के शिक्षकगण तथा छात्राएं उपस्थित रहीं।

इस कार्यक्रम में मदरसा बोर्ड सचिव चेतन चौहान ने छात्राओं से सीधे संवाद करते हुए उन्हें शिक्षा के महत्व और सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराया। जब एक छात्रा ने मदरसे में शिक्षकों की कमी की बात उठाई, तो चौहान ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, "बहुत जल्द नए शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। आपकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। शिक्षा के लिए आपको मेरी जरूरत जहां भी हो, मैं वहां रहूंगा।"

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अभिषेक सिद्ध ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, "मदरसा जामिया तय्यबा ने जयपुर में एक मिसाल पेश की है। आप लगन और ईमानदारी से पढ़ाई करती रहें, हम हमेशा आपकी शिक्षा को लेकर चिंतित और प्रतिबद्ध हैं।"

जगन फाउंडेशन की निदेशक मालविका मुद्गल ने माहवारी को लेकर छात्राओं के बीच फैली भ्रांतियों को तोड़ते हुए कहा, "माहवारी एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, इसे लेकर शर्माने की कोई जरूरत नहीं है। आप किसी भी परेशानी को अपने टीचर्स या पेरेंट्स से साझा करें। यही आपके सशक्त होने का पहला कदम है।"

कार्यक्रम के अंत में छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन किट्स वितरित की गईं और उन्हें स्वच्छता के तौर-तरीकों की जानकारी दी गई। इस पहल के लिए मदरसा बोर्ड और जगन फाउंडेशन का स्कूल स्टाफ ने आभार व्यक्त किया।

'पीरियड का पीरियड' अभियान अब तक राजस्थान के कई जिलों में चलाया जा चुका है और इसके माध्यम से सैकड़ों छात्राओं तक स्वास्थ्य और स्वच्छता का संदेश पहुंचाया गया है। यह अभियान समाज में महिलाओं और लड़कियों के बीच जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।