नाक से अलगोजा बजाकर रचा इतिहास, अब मिलेगा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान

नाक से अलगोजा बजाकर रचा इतिहास, अब मिलेगा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान

राजस्थान की माटी से उपजी लोककला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार रामनाथ चौधरी को जल्द ही राज्य और राष्ट्रीय सम्मान मिल सकता है।
नाक से अलगोजा बजाने की अनोखी और विलुप्त होती कला के लिए मशहूर रामनाथ चौधरी ने शुक्रवार को जयपुर सचिवालय में राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी से भेंट की। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन संघर्ष, कला की यात्रा और उपलब्धियों से अवगत कराया और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाने का आग्रह किया।

 कौन हैं रामनाथ चौधरी?

  • चाकसू के बाड़ा पदमपुरा गांव के निवासी रामनाथ चौधरी को आज दुनिया भर में अलगोजा वादन की अनूठी शैली के लिए जाना जाता है।

  • वे नाक से अलगोजा बजाने वाले दुनिया के पहले कलाकार हैं, जिनका नाम World Book of Records और India Book of Records में दर्ज है।

  • उनकी 12 फीट लंबी मूंछें, पारंपरिक राजस्थानी पोशाक, और ‘कच्ची घोड़ी’ नृत्य के साथ मंच पर प्रदर्शन उनकी अलग पहचान बनाते हैं।

 कला और सिनेमा में भी छाए रहे

  • 668वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में फिल्म "टर्टल" और "वॉटर जर्नी" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • अमेरिका के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष कला प्रदर्शन कर चुके हैं।

  • G-20, NCERT, टूरिज्म पोस्टर्स, और शैक्षणिक पुस्तकों में योगदान।

 अंतरराष्ट्रीय पहचान

  • ऑस्ट्रेलिया की मशहूर ट्रैवल मैगजीन "Get Lost" के कवर पेज पर स्थान।

  • दूरदर्शन से लेकर अंतरराष्ट्रीय चैनलों तक लोककला का प्रदर्शन।

  • राजस्थान की मिट्टी की खुशबू और संगीत की धुनों को दुनिया भर तक पहुंचाने में निभाई अहम भूमिका।

 दिया कुमारी ने दिए सम्मान के संकेत

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रामनाथ चौधरी की कला की सराहना करते हुए कहा,

“रामनाथ जी जैसे कलाकार सिर्फ कलाकार नहीं, हमारी सांस्कृतिक आत्मा के वाहक हैं। सरकार उन्हें राज्य स्तर पर विशेष सम्मान देगी और केंद्र को सिफारिश भेजेगी कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर का पदक या सम्मान मिले।”

उनकी यह प्रतिक्रिया लोककलाओं को मुख्यधारा में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

 प्रमुख उपलब्धियाँ:

  1.  नाक से अलगोजा बजाने में वर्ल्ड रिकॉर्ड

  2.  12 फीट लंबी मूंछों के लिए पहचान

  3.  G20, राष्ट्रपति भवन, NCERT, फिल्मों व किताबों में भागीदारी

  4. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राजस्थान की संस्कृति का प्रतिनिधित्व

  5.  राज्य सरकार से जल्द मिल सकता है विशेष सम्मान