राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में मानसिक स्वास्थ्य पर हुआ राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय में चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर आयुर्वेद और मानसिक स्वास्थ्य विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति और राष्ट्रीय सेमिनार के चेयरपर्सन प्रोफेसर संजीव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय आज अपना चौथा स्थापना दिवस मना रहा है रहा है।
इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े रोगियों के आंकड़े बढ़ रहे हैं । यदि आकलन किया जाए तो आज जो 10 बड़ी बीमारियां हैं उनमें से मानसिक स्वास्थ्य भी उनमें से एक बीमारी है। मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं होने के कारण बहुत सारे इश्यूज वर्कप्लेस या घर में होते रहते हैं।
आज जो युवा पीढ़ी या बच्चे आज के कॉम्पिटेटिव माहौल के कारण बहुत ज्यादा स्ट्रेस ले रहे है, वो अपनी बातों और समस्याओं को लेकर मेंटली रेस्पॉन्ड नहीं कर पा रहे हैं। जिसके कारण बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य में युवा पीढ़ी के आंकड़े भी बहुत ज्यादा बढ़ रहे।
आयुर्वेद के माध्यम से हम मेंटल हेल्थ को मेंटेन करें और इसके डिसऑर्डर से हम किस तरह से निजात पा सकते हैं ताकि हम प्रत्येक व्यक्ति के लिए फोकस करें कि वह अपने लिए, परिवार के लिए ओर अपने समाज के लिए योगदान दे सके क्योंकि वह मानसिक स्वस्थ होगा तभी देश के विकास में अपना योगदान दे पाएगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आज मानसिक स्वास्थ्य पर इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है।
मुख्य अतिथि एमएनआईटी जयपुर के डायरेक्टर प्रो. नारायण प्रसाद पाढ़ी ने कहा राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ओर एमएनआईटी जयपुर के मध्य आज आधुनिक तकनीक के साथ आयुर्वेद के क्षेत्र में प्रभावी काम करने के लिए एमओयू किया गया है जिसका लाभ आमजनता को बेहतर स्वास्थ्य के लिये मिलेगा। उन्होंने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए उन्हें कहा कि ड्रीम और रियलिटी की दुनिया में बहुत अंतर है, आज जो आप है इस पर फोकस करें और आगे बढ़े तभी आप अपने बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के साथ अपने काम और अपने क्षेत्र में अच्छे परिणाम दे पाएंगे।
देश के जाने-माने मनोचिकित्सक डॉक्टर शिव गौतम ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से जीवन का महत्व है, शारीरिक स्वास्थ्य यदि अच्छा है और मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी डिस्टर्ब हो जाता है। स्वयं का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखने पर ही हम पर्यावरण का स्वास्थ्य अच्छा रख सकते है।
क़ाय चिकित्सा के विभागाध्यक्ष प्रो. हरिमोहन मीणा ने बताया "आयुर्वेद फॉर मेंटल हेल्थ - ब्रीडगिंग ट्रेडिशनल विजडम एंड मॉडर्न साइकेट्री" की थीम पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में डॉक्टर शिव गौतम, डॉक्टर सुहास कुमार शेट्टी, प्रोफेसर किशोर राम कृष्ण, डॉक्टर कैलाश थापर सहित देश के जाने-माने मनोचिकित्सको ने भाग लिया।
तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर और पंचकूला के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें सीखने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया कि किस प्रकार वह अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखते हुए जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। आयुर्वेद के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की समस्या आगे ना बढ़े, उसका समय पर ही निदान कर सके इसके लिए आयुर्वेद में योग, ध्यान, प्राणायाम से स्वस्थ रह सकते हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के अस्पताल परिसर में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर शुक्रवार को ओपीडी की शुरुआत की गई है।