सूफियाना कलाम और शास्त्रीय संगीत का हुआ समागम

जयपुर के संसार चंद्र रोड स्थित दरगाह मीर कुर्बान अली में स्थित हजरत सैय्यद महबूब उर रहमान नियाजी रहमतुल्ला अलैह के उर्स का आगाज़ क्लासिकल म्यूजिक नाइट के साथ हुआ ।पिछले 4 सालों से लगातार क्लासिकल म्यूजिक का प्रोग्राम आयोजित हो रहा है इस प्रोग्राम में देश-विदेश में फेम कलाकार अपनी प्रस्तुति देने आते हैं।हर साल की तरह इस बार भी दुनिया भर में देश का नाम रोशन करने वाले कलाकार अपनी प्रस्तुति देने पहुंचते ।
शुरुआत बॉलीवुड सिंगर जावेद हुसैन ने हमद के साथ की, सितार वादन पर जगदीश मुथीया ने अपनी कला का मुजाहिरा किया,वायलिन और तबले की जुगलबंदी उभरते हुए युवा कलाकार जियांग हुसैन,सुजान हुसैन और गुलज़ार हुसैन ने अपनी प्रस्तुति से मौजूद लोगों से वाहवाही लूटी,पारीक ब्रदर्स ने सूफियाना कलाम पेश कर दोस्ती और दुश्मनी व गंगा जमुना तहजीब का मुजाहिरा किया, इंटरनेशनल सारंगी वादक साबिर खां व ऋषि शर्मा ने तबला जुगलबंदी के साथ अमीर खुसरो रहमतुल्लाअलैह का कलाम पेश कर महफिल में रंग जमाया तबले की धाप से शफाकत हुसैन ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया,आखिर में पूरी महफिल को अपने संतूर वादक से अनवर हुसैन नीलू ने महफ़िल को खुशगवार बनाया।सभी कलाकारों को सज्जादा नशीन डॉक्टर सैयद हबीब उर रहमान नियाजी की ओर से शॉल ओढ़ा मोमेंट पेश कर उनकी हौसला अफजाई की। इस मौके पर दरगाह हजरत मौलाना जियाउद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के नायाब सज्जादानशीन खुसरो मियां भी शिरकत करने पहुंचे उनकी दस्तार बंदी की गई इस मौके पर डॉक्टर सैयद हबीब उर रहमान नियाजी ने कहा कि यह पहली दरगाह है जहां पर क्लासिकल म्यूजिक का आयोजन होता है और पूरी दुनिया में एक मिसाल क़ायम कर भारत की गंगा जमुना तहजीब क्लासिकल म्यूजिक के जरिए से बरकरार रखे है जबकि इस दौर में क्लासिकल म्यूजिक लोग काम सुनते हैं इस दरगाह के जरिए उसे जिंदा रखने की पहल की है जिसका आए हुए लोग ने पूरा लुत्फ उठाया,क्लासिकल म्यूजिक सूफियों की पसंद रही है। नायब सज्जादानशीन सैय्यद फैज उर रहमान नियाजी ने कहा कि उर्स के पहले दिन जिस अंदाज में क्लासिकल म्यूजिक के साथ आग़ाज़ किया गया गंगा जमुनी तहज़ीब की एक मिसाल है। देर रात तक कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दे कर माहौल को खुशगवार बनाया।आए हुए मेहमानों ने पूरा लुक उठाया। उन्होंने कहा कि उर्स के दूसरे दिन सुबह कुरान खानी हुई शाम को चादरें पेश की रात में महफिले समा हुई और तीसरे दिन कल की रस्म के साथ में उर्स का समापन होगा