कोलकाता आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को जमानत

कोलकाता आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को जमानत

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक अहम न्यायिक फैसले के तहत, सियालदह कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दे दी है। यह जमानत उस विवादास्पद डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले से जुड़ी हुई है, जो पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है।

सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल करने में की देरी

सियालदह कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को जमानत देने का आदेश दिया, क्योंकि सीबीआई आरोप पत्र दाखिल करने की 90 दिनों की अवधि पूरी नहीं कर सकी। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने पहले ही इस मामले में अपनी चार्जशीट में दावा किया था कि संदीप घोष ने कथित तौर पर अस्पताल के ठेके हासिल करने में दो गिरोहों की मदद की थी। लेकिन सीबीआई की चार्जशीट पर पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी का मामला लंबित है, जिसके कारण न्यायालय ने उसे रिकार्ड पर ले लिया, लेकिन अभी तक उस पर संज्ञान नहीं लिया गया है।

कौन है आरोपी संदीप घोष और अभिजीत मंडल?

संदीप घोष को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना 10 अगस्त को घटित हुई थी, जब डॉक्टर को कथित तौर पर बलात्कार और हत्या का शिकार बनाया गया था। जांच में देरी होने पर संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा, पूर्व पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल भी इस मामले में आरोपी हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश

इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश भी दिया है। इस आदेश के बाद, अस्पताल में वित्तीय कदाचार के मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जाएगी। यह आदेश उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया है, जिन्होंने संस्थान में घोष के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की थी।

न्याय का इंतजार

यह मामला अब और भी जटिल होता जा रहा है, और मामले की पूरी जांच होने तक कई सवालों के जवाब मिलना बाकी हैं। फिलहाल, सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल न करने और पश्चिम बंगाल सरकार की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद ही इस मामले में अगला कदम उठाया जा सकेगा।