प्रियंका गांधी का लोकसभा में पहला भाषण, बीजेपी और सरकार पर जमकर हमला

प्रियंका गांधी का लोकसभा में पहला भाषण, बीजेपी और सरकार पर जमकर हमला

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने आज लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने देश की सांस्कृतिक परंपराओं, संविधान की महत्ता और वर्तमान सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत की संस्कृति में संवाद और वाद-विवाद की गहरी जड़ें हैं, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे देशवासियों के लिए न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षाओं का दीपक है।

प्रियंका गांधी ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में सत्ताधारी दल ने इस सुरक्षा कवच को कमजोर करने की कोशिश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लेटरल एंट्री और निजीकरण के माध्यम से आरक्षण को कमजोर करने की साजिश की है। प्रियंका ने यह भी कहा कि यदि चुनाव परिणाम अलग होते, तो शायद संविधान को बदलने की कोशिशें भी शुरू हो जातीं।

प्रियंका ने आगे कहा, "वर्तमान सरकार अतीत पर लगातार चर्चा करती है, लेकिन वर्तमान की जिम्मेदारियों से बचती है।" उन्होंने बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया कि किसान, मजदूर और गरीब अब भी संकटों से जूझ रहे हैं। कृषि कानूनों पर अपनी बात रखते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कानून केवल बड़े उद्योगपतियों के फायदे के लिए बनाए गए हैं, और देशभर में किसान अब भी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

प्रियंका गांधी का यह भाषण संसद में चर्चा का केंद्र बन गया और विपक्षी दलों ने उनकी बातों का समर्थन किया, जबकि सत्ताधारी दल ने इसे विरोधी राजनीति के रूप में देखा।