पीलीभीत लोकसभा सीट पर गांधी परिवार गायब

पीलीभीत लोकसभा सीट पर गांधी परिवार गायब

पीलीभीत लोकसभा सीट पर गांधी परिवार का पहली बार अनुपस्थित होना एक महत्वपूर्ण घटना है. जो 1989 के बाद हुई है. इस बार बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा सांसद वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद से ही उनके प्रति चुनावी मैदान में अटकलें चली थीं. लेकिन उनके अभाव में, बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट दिया है. जितिन प्रसाद ने नामांकन दाखिल करते समय स्वतंत्र देव सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी के साथ ही पीलीभीत सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस समय पीलीभीत से गांधी परिवार के किसी सदस्य का अभाव, जो नेपाल की सीमा से सटे तराई क्षेत्र में स्थित है, उन्हें चुनावी मैदान में नहीं दिखाई देगा. वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया जाना उत्तेजक है, क्योंकि वह चुनाव में बीजेपी के खिलाफ किसानों, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर आलोचना करते रहे हैं.

जब बीजेपी ने इस सीट से जितिन प्रसाद को उतारा, तो खबरें आईं कि वरुण गांधी इस सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं. इस सस्पेंस को खत्म कर दिया गया जब उन्होंने नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख पर यहां नहीं पहुंचा. हालांकि, उनकी मां मेनका गांधी, जो सुल्तानपुर से मौजूदा सांसद हैं, को भाजपा ने उसी सीट से एक और मौका दिया है. यह बात उन दिनों तक चर्चा में रही है कि क्या वरुण गांधी या उनकी मां मेनका गांधी इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.