101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच के लिए तैयार
नई दिल्ली- किसान आंदोलन को लेकर आज एक बड़ी खबर सामने आई है। एक बार फिर किसान शनिवार को दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे है. इस बार 101 किसानों का मरजीवड़ा जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ है। हालांकि, हरियाणा पुलिस इस बार भी किसानों को शंभू बॉर्डर से आगे बढ़ने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। पिछले दो प्रयासों में किसान दिल्ली कूच करने में सफल नहीं हो पाए थे, लेकिन अब किसान एक बार फिर से अपनी यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हैं।
दूसरी ओर, जींद के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला का अनशन लगातार जारी है। उनकी तबीयत अब अधिक खराब हो रही है, और उन्होंने स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के कारण आंदोलन को लेकर सरकार से गंभीर सवाल उठाए हैं। डल्लेवाला पिछले 18 दिनों से अनशन पर हैं, और उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता जा रहा है।
किसान आंदोलन को लेकर अंबाला प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। अंबाला के डीसी पर्थ गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखने की बात कही है और किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, "हमने किसानों से इस बारे में अनुमति नहीं दी है और किसी को भी बॉर्डर से आगे जाने नहीं दिया जाएगा।"
शंभू बॉर्डर पर सीमेंटेड बैरिकेडिंग के ऊपर जाली और एक शील्ड भी लगाई गई है, ताकि किसान ऊपर चढ़कर बॉर्डर पार करने की कोशिश न करें। हरियाणा सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बिना अनुमति किसी को भी आगे नहीं जाने दिया जाएगा।
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने एनआई से बातचीत में कहा कि, "हमारा विरोध-प्रदर्शन अब 307वें दिन में प्रवेश कर गया है और हमारा तीसरा जत्था दिल्ली के लिए 12 बजे रवाना होगा।" उन्होंने कहा, "हमारा यह आंदोलन पूरे देश से जुड़ा हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री इस पर चुप हैं। हम मोर्चा जीतने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।"
इस बीच, कांग्रेस नेता और कुश्ती खिलाड़ी बजरंग पुनिया ने भी किसान आंदोलन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हम शांतिपूर्वक दिल्ली जा रहे हैं। सरकार कहती है कि 24 फसलों पर एमएसपी दे रहे हैं, लेकिन हरियाणा में तो 24 फसलें ही नहीं हैं। फिर भी किसानों को रोका जा रहा है, जबकि यह कोई भारत-पाकिस्तान या चीन का बॉर्डर नहीं है।"
बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार ने किसानों से एमएसपी की गारंटी दी थी, लेकिन अब वह अपने वादों से मुकर गई है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि, "किसान बस एमएसपी चाहते हैं, और बदले में उन्हें लाठियां, आंसू गैस, और जहरीली गैस मिल रही हैं।"
किसान आंदोलन में अब स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है, क्योंकि किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नाराजगी और बढ़ रही है। किसानों का कहना है कि उन्हें उनका अधिकार, विशेषकर एमएसपी, मिलना चाहिए। इस बीच, आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और आगे की दिशा अब अनिश्चित नजर आ रही है।