जयपुर मेट्रो: बेंगलुरु के इंजीनियर ने की सुसाइड की कोशिश, ऑपरेटर की सतर्कता से बची जान!

जयपुर मेट्रो: बेंगलुरु के इंजीनियर ने की सुसाइड की कोशिश, ऑपरेटर की सतर्कता से बची जान!

जयपुर मेट्रो में बड़ा हादसा टला, इंजीनियर ने की आत्महत्या की कोशिश

जयपुर, मेट्रो रेलवे स्टेशन पर मंगलवार (11 फरवरी) को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब बेंगलुरु का एक 35 वर्षीय इंजीनियर मेट्रो के आगे कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश करने लगा। हालांकि, मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर की सतर्कता और इमरजेंसी ब्रेक की वजह से उसकी जान बच गई। घटना दोपहर करीब 2 बजे जयपुर रेलवे मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-2 पर हुई।

इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि युवक प्लेटफार्म से भागकर ट्रैक की तरफ जाता है और अचानक मेट्रो ट्रैक पर छलांग लगा देता है। जयपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को गिरफ्तार कर लिया और मेट्रो रेल पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में युवक ने चौंकाने वाली बात कही—"मुझे घरवाले पसंद नहीं हैं, इसलिए मैं आत्महत्या करना चाहता था।"

कैसे हुई घटना?

जयपुर रेलवे मेट्रो स्टेशन पर हुई इस घटना ने सभी को चौंका दिया। मेट्रो ट्रेन प्लेटफार्म नंबर-2 की ओर बढ़ रही थी, तभी अचानक एक युवक तेजी से दौड़ता हुआ आया और ट्रैक पर कूद गया। मेट्रो ऑपरेटर मुकेश कुमार यादव की सतर्कता और तत्परता के कारण इमरजेंसी ब्रेक तुरंत लगा दिए गए। ड्यूटी स्टेशन कंट्रोलर कृष्णा कुमारी और उनके सहयोगी स्टाफ ने तुरंत मौके पर पहुंचकर युवक को सुरक्षित ट्रैक से बाहर निकाला और मेट्रो रेल पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू की।

युवक कौन है और वह जयपुर कैसे पहुंचा?

पुलिस जांच में सामने आया कि युवक की पहचान कर्नाटक के तुमकुर निवासी यशवंथ (35) पुत्र अश्वथप्पा के रूप में हुई है। वह बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है। यशवंथ 11 फरवरी को सुबह अपने घर से प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए निकला था, लेकिन उसने प्रयागराज जाने के बजाय बेंगलुरु से फ्लाइट पकड़कर जयपुर आने का फैसला किया। जयपुर आने के बाद वह रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के आस-पास घूमता रहा और दोपहर करीब 2 बजे उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया।

सुसाइड की कोशिश का कारण—"मुझे घरवाले पसंद नहीं"

जब पुलिस ने युवक से आत्महत्या करने के पीछे का कारण पूछा, तो उसने जो जवाब दिया, वह चौंकाने वाला था। उसने बताया मुझे मेरे घरवाले पसंद नहीं हैं, इसलिए मैं आत्महत्या करना चाहता था।" युवक के इस बयान से पुलिस भी चकित रह गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उसके परिवार के साथ किस तरह के मतभेद थे, लेकिन यह मामला घरेलू तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की ओर इशारा करता है।

गांजा के नशे में था युवक, पहले भी रह चुका है नशा मुक्ति केंद्र में

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यशवंथ ने गांजा का नशा कर रखा था। जब मेडिकल जांच की गई, तो पुष्टि हुई कि वह नशे में था। पूछताछ में उसने खुद कबूल किया कि वह गांजे का नशा करता है और पहले भी एक नशा मुक्ति केंद्र में रह चुका है। यह बात भी सामने आई कि उसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं था और वह लंबे समय से डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहा था।

मेट्रो संचालन में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज

जयपुर मेट्रो रेलवे स्टेशन के सुपरिटेंडेंट सुभाष चंद्र व्यास ने इस घटना को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। युवक के खिलाफ मेट्रो ट्रैक पर बाधा पहुंचाने और यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

मेट्रो प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से बची एक जान

इस पूरे मामले में जयपुर मेट्रो प्रशासन और पुलिस की सतर्कता ने एक युवक की जान बचा ली। मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर मुकेश कुमार यादव और ड्यूटी स्टेशन कंट्रोलर कृष्णा कुमारी की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। अगर ऑपरेटर ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया होता, तो यह हादसा और भी गंभीर हो सकता था।

मनोवैज्ञानिकों की राय—"मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी घातक हो सकती है"

इस घटना के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

  • मनोवैज्ञानिक डॉ. अनिल शर्मा कहते हैं कि "कई लोग मानसिक तनाव में खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठाने की सोचने लगते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार और दोस्तों को सतर्क रहना चाहिए और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेनी चाहिए।"

  • मनोचिकित्सक डॉ. निधि वर्मा का कहना है कि "अगर कोई व्यक्ति बार-बार आत्महत्या की बात करता है या तनाव में रहता है, तो उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। उसे तुरंत काउंसलिंग और थेरेपी की जरूरत होती है।"

आत्महत्या रोकथाम के लिए हेल्पलाइन नंबर

अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव से जूझ रहा है और आत्महत्या के विचार आ रहे हैं, तो तुरंत मदद लें।

भारत में कई हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं:

  • वंदे मातरम फाउंडेशन - 1860 266 2345
  • स्नेही हेल्पलाइन - 91-22-2771-7422
  • आई कॉल हेल्पलाइन - +91 9152987821
  • सहायता मानसिक स्वास्थ्य सहायता केंद्र - 1800-233-3330

यह हेल्पलाइन 24x7 उपलब्ध हैं और पूरी तरह गोपनीय होती हैं।

घरेलू तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को हल्के में न लें

जयपुर मेट्रो स्टेशन पर हुई यह घटना एक बार फिर इस बात को साबित करती है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

युवक ने सिर्फ इस वजह से आत्महत्या करने की कोशिश की क्योंकि उसे अपने घरवाले पसंद नहीं थे। यह दिखाता है कि कैसे घरेलू तनाव और मानसिक परेशानियां किसी को इस हद तक तोड़ सकती हैं कि वह अपनी जान लेने की कोशिश कर सकता है।

अगर समय रहते मेट्रो ऑपरेटर सतर्कता नहीं दिखाते, तो शायद यह मामला और भी दुखद हो सकता था।

यह घटना हमें सिखाती है कि अगर हमारे आसपास कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में है, तो हमें उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और उसकी मदद करनी चाहिए।