Bhilwara में दलित युवकों के साथ बर्बरता पर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने जताया रोष

राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले के आसिन्द कस्बे में दो दलित युवकों के साथ हुई क्रूरता को लेकर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने गहरा दुख और नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस घटना को "निंदनीय, अमानवीय और स्वतंत्र भारत के मूल्यों के खिलाफ़" बताया।
क्या है मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, दो दलित युवक जो कि आइसक्रीम बेचने का कार्य करते थे, उन्होंने अपने बकाया वेतन की मांग की। इस पर आइसक्रीम व्यवसायी ने उनकी बर्बरता से पिटाई की, उन्हें करंट दिया, प्लास से नाखून तक उखाड़ दिए और डंडों से पीटा। इस अमानवीय हमले में दोनों युवक गम्भीर रूप से घायल हो गए।
नाज़िमुद्दीन ने क्या कहा?
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रमुख मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा:
“आज भी स्वतंत्र भारत में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होना एक गंभीर सामाजिक चिंता का विषय है। यह घटना ना सिर्फ़ इंसानियत के खिलाफ़ है, बल्कि देश के संविधान और समानता के अधिकारों का अपमान भी है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह राहत की बात है कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ज़ीरो एफआईआर दर्ज कर ली और आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया। लेकिन सिर्फ गिरफ़्तारी काफ़ी नहीं है।
जमाअत की मांग-
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आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए।
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पीड़ितों को सरकारी मुआवज़ा और चिकित्सा सहायता मिले।
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भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
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कानून व्यवस्था को और मज़बूत किया जाए, ताकि दलितों और वंचित वर्गों को सुरक्षा मिले।
भीलवाड़ा की यह घटना भारत में जातीय हिंसा की सच्चाई को उजागर करती है, जहां आज भी मेहनताने की मांग करना जान पर बन आता है। ऐसे में प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ़ सख्त स्टैंड लेने की ज़रूरत है।