विधायक यूनुस खान का ब्यूरोक्रेसी पर बड़ा आरोप
डीडवाना विधायक यूनुस खान ने आज बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने राजस्थान के शासन में सरकार की बजाय ब्यूरोक्रेसी के हावी होने का आरोप लगाया है। साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी राजस्थान के जनादेश का सम्मान करते हुए सभी चुने हुए विधायकों को तवज्जो देने की अपील की है।
यूनुस खान ने कहा कि पूरे राजस्थान में चारों ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। डीडवाना की ही बात करें तो समूची नगर परिषद भ्रष्टाचार में डूबी है। लोगों के छोटे-मोटे काम भी नहीं हो पा रहे और अधिकारी लोगों को काम के बदले रिश्वत देने पर मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा। अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उन पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है, जिसके कारण वह न केवल मनमर्जी कर रहे हैं। बल्कि बेलगाम भी हो चुके हैं। हालत यह है कि अधिकारी ना तो चुने हुए जनप्रतिनिधियोंविधायकों, सांसदों की सुनवाई कर रहे हैं। ना ही सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों की सुनवाई कर रहे हैं। युनूस खान ने कहा कि मैंने विधानसभा में और मंत्रियों से भ्रष्टाचार की शिकायतें की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जनता भी बार-बार भ्रष्टाचार की शिकायत कर रही है। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। क्योंकि राजस्थान में सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी है। ब्यूरोक्रेट्स विधायको और मंत्रियों को भी नजर अंदाज कर मनमर्जी करने पर तुले हुए हैं।
यूनुस खान ने कहा कि पिछले साल 3 दिसंबर को जब जनता ने जनादेश दे दिया, तो उसका सम्मान किया जाना चाहिए उन्होंने मुख्यमंत्री के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि लाडनूं में मुख्यमंत्री कहते हैं कि भाजपा प्रत्याशी ही हमारा विधायक है, ऐसा है तो फिर चुने हुए विधायक का क्या काम है? उन्होंने कहा कि यह जनादेश का अपमान है। कम से कम मुख्यमंत्री को इस प्रकार की बात नहीं कहनी चाहिए।
यूनुस खान ने कहा कि सताधारी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के काम होने चाहिए। इसके लिए अलग से एक प्रकोष्ठ खोलकर उनके काम करवाइए। मगर विपक्ष सहित अन्य विधायकों और भी नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को पारदर्शिता, निष्पक्षता और न्यायिक रूप से जनता की सुनवाई करनी चाहिए।