Modi government दे रही है खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन - मदन राठौड़

Modi government दे रही है खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन - मदन राठौड़

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को विशेष रूप से पौध आधारित खाद्य उत्पादों के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सार्थक कदम उठा रही है।

राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) देशभर में इस क्षेत्र के समग्र विकास और संबंधित आधारभूत ढांचे की स्थापना/विस्तार को सुनिश्चित करने के लिए निम्न योजनाओं के माध्यम से काम कर रहा है:

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLISFPI)

  • प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन योजना (PMFME)

उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 2016 में अधिसूचित की गई विनियमावली के तहत स्वास्थ्य अनुपूरक, न्यूट्रास्युटिकल्स, विशेष आहार उपयोग, चिकित्सकीय प्रयोजन वाले खाद्य, कार्यात्मक खाद्य और नूतन खाद्य उत्पादों को स्पष्ट मानकों में शामिल किया है। इससे पहले इन उत्पादों को विशिष्ट अनुमोदन की आवश्यकता होती थी।

जागरूकता और निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास

मंत्रालय द्वारा सेमिनार, कार्यशालाएं, मेले और प्रदर्शनियों का आयोजन एवं सह-प्रायोजन कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में जागरूकता व निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में, भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित इंडिया प्लांट-बेस्ड फूड शो 2025 के लिए मंत्रालय ने प्लांट बेस्ड फूड्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (PBFIA) को लोगो और वित्तीय सहायता प्रदान की।

PBFIA के अनुसार, इस शो ने स्टार्टअप्स के लिए बाजार तक पहुंच, उद्योग सहयोग, सरकारी समर्थन, और वैश्विक सहभागिता को सशक्त बनाते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ग्रीन ग्रोथ के लिए वर्ल्ड फूड इंडिया एक उत्प्रेरक

मंत्रालय वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का आयोजन भी कर रहा है, जो पौध आधारित खाद्य उत्पादों सहित खाद्य प्रसंस्करण में निवेश के अवसरों को उजागर करने के लिए एक प्रमुख मंच है। यह आयोजन 25 से 28 सितंबर 2025 तक किया जाएगा, जो स्टार्टअप्स और घरेलू/अंतरराष्ट्रीय बाजारों के एकीकरण को बढ़ावा देगा।

वहीं, हाल ही में 19 से 22 सितंबर 2024 को आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 ने अपने दो मुख्य स्तंभों -

  • "न्यूनतम अपशिष्ट, अधिकतम मूल्य"

  • "खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में सतत पैकेजिंग"
    के माध्यम से टिकाऊ विकास और नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को रेखांकित किया।

इनका उद्देश्य पूरे क्षेत्र में संसाधनों की दक्षता, अपशिष्ट में कमी, और पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग समाधानों को बढ़ावा देना है।

एमएसएमई और ग्रीन एनर्जी को समर्थन

मंत्रालय सौर, बायोमास, पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को भी प्रोत्साहित कर रहा है। एमएसएमई सेक्टर में पौध आधारित खाद्य उत्पादों के निर्माण करने वाले उद्यमियों को भी मंत्रालय की योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

मदन राठौड़ ने कहा कि ये सभी प्रयास मोदी सरकार की खाद्य अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और भारत को सतत खाद्य नवाचारों का वैश्विक केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।