दो बच्चियों के यौन शोषण मामले पर महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित आदर्श स्कूल में दो चार साल की बच्चियों के यौन शोषण के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं है, तो शिक्षा के अधिकार और अन्य पहलुओं की बात करने का क्या मतलब है. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अब 4 साल की लड़कियों को भी बख्शा नहीं जा रहा, जो अत्यंत चौंकाने वाली बात है.
कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस को चेतावनी दी कि अगर किसी भी तरह से मामले को दबाने की कोशिश की गई, तो कोर्ट कठोर कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा. 12 और 13 अगस्त को आदर्श स्कूल में 23 साल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे द्वारा किंडरगार्टन की दो बच्चियों का यौन शोषण किया गया. पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी 1 अगस्त को ही स्कूल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था. बच्चियों के अनुसार, आरोपी को उन्होंने "दादा" पुकारा, जिसने उनके कपड़े खोले और गलत तरीके से छूआ. घटना के समय स्कूल में कोई महिला कर्मचारी नहीं थी. महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया कि स्कूल ने मामले को छुपाने की कोशिश की और बच्चियों के परिवार की मदद नहीं की.
अगर स्कूल प्रशासन समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज कराता, तो स्थिति बिगड़ सकती थी. बदलापुर की घटना के विरोध में विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है. कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी (SCP) ने 21 अगस्त को बैठक के बाद यह निर्णय लिया. 20 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन में हजारों लोगों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और बदलापुर स्टेशन पर प्रदर्शन किया.. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को 10 घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध किया, जिसके चलते लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही.. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और 17 पुलिसकर्मी घायल हुए. 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले की जांच के लिए IG आरती सिंह के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है और मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा, जहां सरकारी वकील उज्ज्वल निकम होंगे.