UPSC चयन विवाद- ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आया

UPSC चयन प्रक्रिया को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट हाल ही में सामने आया है. यह सर्टिफिकेट पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी किया गया था. जिसमें पूजा की विकलांगता 7% बताई गई है. UPSC के नियमों के अनुसार, विकलांग कोटे से चयन के लिए न्यूनतम 40% विकलांगता होना अनिवार्य है.
YCM के डीन, राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को स्पष्ट किया कि 7% का मतलब यह है कि पूजा में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है. उनका मामला लोकोमोटर विकलांगता से संबंधित है, जिसका अर्थ है चलने-फिरने में कठिनाई. पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को सर्टिफिकेट की जांच करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि पूजा ने अपने पते को गलत बताया था. इसके अलावा, UPSC में गड़बड़ी के संबंध में और भी खुलासे हुए हैं.
जानकारी के अनुसार, पूजा ने UPSC के प्रयास बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था. सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा द्वारा लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में उनके नाम अलग-अलग है. 2020 में उन्होंने अपना नाम 'खेडकर पूजा दिलीपराव' और उम्र 30 साल बताई थी, जबकि 2023 में नाम 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' और उम्र 31 साल दर्शाई गई. इस अंतराल में उनकी उम्र एक साल कैसे बढ़ी, यह सवाल उठ रहा है.
UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति है, जबकि OBC कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 35 साल की उम्र तक 9 बार परीक्षा देने का मौका मिलता है. सूत्रों के अनुसार, पूजा ने अब तक कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी है. इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है.