Punjab के मुख्यमंत्री के ‘वन नेशन, वन हसबैंड’ बयान पर मचा सियासी बवाल

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला बेहद संवेदनशील है क्योंकि उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए तंज कसते हुए कहा, "क्या अब 'वन नेशन, वन हसबैंड' स्कीम शुरू हो गई है?" उनके इस बयान को लेकर भाजपा ने कड़ा विरोध जताते हुए इसे 'शहीदों की विधवाओं का अपमान' बताया है।
मंगलवार को एक कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए भगवंत मान ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह लुधियाना वेस्ट उपचुनाव में वोट बटोरने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' का सहारा ले रही है। इसी दौरान उन्होंने कहा:
“(वे) सिंदूर के नाम पर वोट मांग रहे हैं। इन्होंने तो सिंदूर का मज़ाक बना दिया है। क्या अब ‘वन नेशन, वन हसबैंड’ योजना आ गई है?”
इस बयान के तुरंत बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पहलगाम हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं का अपमान किया है और उन्हें इसके लिए बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए।
भाजपा का तीखा हमला
भाजपा प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलिया वाला ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक सैन्य प्रतिक्रिया थी, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के तौर पर अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि:
“यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ था, शहादत और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा था। लेकिन भगवंत मान जैसे असंवेदनशील व्यक्ति इससे क्या समझेंगे? उन्होंने हर पवित्र प्रतीक का मज़ाक बना दिया है।”
कांग्रेस का भी तंज
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी बयान पर अप्रत्यक्ष तंज कसते हुए कहा कि अगर बीजेपी सिंदूर बांटना शुरू कर देगी तो "पंजाबी महिलाएं गुस्से में आ जाएंगी" क्योंकि किसी महिला को सिंदूर लगाने का अधिकार सिर्फ उसके पति को होता है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। इनमें बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का गढ़) और मुरिदके (लश्कर-ए-तैयबा का बेस) शामिल थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले, जिसमें 26 जवान शहीद हुए थे, के जवाब में की गई थी।
सियासत बनाम संवेदना
CM भगवंत मान के इस बयान को लेकर न सिर्फ भाजपा, बल्कि देशभर में कई लोग नाराज़ हैं। राजनीतिक टिप्पणीकार इसे एक संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण बता रहे हैं और मान से बयान वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
रवनीत बिट्टू ने तीखे शब्दों में कहा:
“आप कॉमेडियन रहे होंगे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि शहीदों की विधवाओं और सेना की वीरता का मज़ाक उड़ाएं।”
अब देखना ये होगा कि भगवंत मान इस विवाद पर सफाई देते हैं या अपने बयान पर कायम रहते हैं।