राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से देश और दुनिया में अग्रणी राज्य है।
शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा पुरातत्व विभाग रवि जैन की अध्यक्षता में सोमवार को पर्यटन भवन में विभागीय कार्य योजनाओं के सम्बन्ध में परिचयात्मक बैठक आयोजित की गई।
पर्यटन शासन सचिव रवि जैन ने परिचयात्मक बैठक के पश्चात मीडिया से बात करते हुए बताया कि राजस्थान पर्यटन कि दृष्टि देश और दुनिया में अग्रणी राज्य है। ऐतिहासिक दृष्टि से यहां के महल, किले बावड़िया, कला, संस्कृति साहित्य गौरवशाली व उत्कृष्ट हैं। जिनका संरक्षण करने के साथ ही प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया जाएगा। राजस्थान को पूरी दुनिया में पर्यटन का सिरमौर बनाने के लिए सभी उपाय किये जाएंगे। इसी को ध्यान में रखकर कार्य किए जाएंगे।
इससे पूर्व परिचात्मक बैठक में शासन सचिव को अतिरिक्त निदेशक राकेश शर्मा ने राजस्थान में आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में हो रही वृद्धि के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने विभागीय संरचनात्मक ढांचे की जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान में पर्यटन प्रोत्साहन हेतु जारी प्रमुख नीतियों, योजनाओं व गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी। पर्यटक सहायता बल (TAF), होटल प्रबन्ध संस्थानों व फूड क्राफ्ट संस्थानों संबंधी जानकारी दी।
शासन सचिव को बैठक में अतिरिक्त निदेशक आंनद त्रिपाठी ने राजस्थान में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की विस्तार से जानकारी दी।संयुक्त निदेशक पर्यटन सुमिता सरोच द्वारा पर्यटन प्रचार-प्रसार व मार्केटिंग के बारे में जानकारी दी गई। संयुक्त निदेशक पुनीता सिंह ने मेले-उत्सवों का आयोजन के बारे विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त निदेशक पर्यटन श्री पवन जैन ने पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं का विकास, निवेश प्रोत्साहन पर्यटन इकाइयों का अनुमोदन, गाइडों का चयन एवं प्रशिक्षण, फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहन की नीति नियमों की जानकारी दी। राजस्थान पर्यटन के विजन डॉक्यूमेंटस (नीति ) के बारे में जानकारी दी गई। राज्य में बन रही राजस्थान पर्यटन इकाई नीति तथा राजस्थान की नई पर्यटन नीति के निर्माण के सम्बन्ध में जानकारी दी।