आज का कर्मवीर अवार्ड समारोह: समाज की दिशा बदलने वाले नायक!
“हौंसले बुलंद हों तो जीत मिल ही जाती है,
मुश्किलों की धुंध में भी राह दिख जाती है।
देश सेवा और कर्म की जो राह चलें,
सफलता उनके कदम चूम ही जाती है।”
देश के कर्मवीरों को सम्मानित करने का यह पावन अवसर, आज का कर्मवीर अवार्ड समारोह, शुक्रवार 20 दिसंबर को यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया। यह मंच उन व्यक्तित्वों को समर्पित रहा, जिन्होंने अपने जीवन के हर पल को समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित किया है।
इस भव्य आयोजन में भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से आए अनेक प्रतिष्ठित विभूतियों ने शिरकत की। मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र प्रभार मंत्री धर्मवीर प्रजापति, राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, महाराष्ट्र के पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता ठाकुर रमेश सिंह, बदायूं के भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व विधायक राव साहब शेखावत, मध्य प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राजपाल सिंह सिसोदिया, उद्योगपति रतन सिंह राठौड़ (तुरा), और केदारनाथ के दयानिधि पीठ के महंत परमश्रद्धेय डॉ. दयानिधि जैसे गणमान्य अतिथियों ने इस समारोह को गौरवान्वित किया।
यह मंच न केवल सम्मान का, बल्कि प्रेरणा का भी प्रतीक बन गया। इस मौके पर ज्योतिष के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले ज्योतिष आचार्य पवन शर्मा को इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजी रिसर्च सेंटर और विप्र कल्याण बोर्ड, राजस्थान सरकार के पूर्व सलाहकार सदस्य के तौर पर उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए "आज का कर्मवीर अवार्ड" से सम्मानित किया गया।
एकता और कर्म की प्रेरणा
यह समारोह कर्मवीर शब्द की गहराई को सजीव कर गया। यहां सम्मानित किए गए हर व्यक्ति की कहानी में त्याग, संघर्ष और अटूट संकल्प की झलक दिखाई दी। चाहे वो उद्योगपति मेघराज सिंह रॉयल हों, जिन्होंने जैसलमेर के सूखाग्रस्त इलाकों में पेयजल पहुंचाने में योगदान दिया, या पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, जिन्होंने वाराणसी के सांस्कृतिक उत्थान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सभी व्यक्तित्वों ने यह साबित कर दिया कि सच्चा कर्मवीर वही है, जो स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज के लिए कार्य करे।
समारोह में फिल्म जगत के लोकप्रिय चेहरों गोविंद नामदेव, अनूप सिंह ठाकुर, और निर्देशक मनीष सिंगल ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इन कलाकारों ने कर्मवीरों की कहानियों को दुनिया तक पहुंचाने की जिम्मेदारी को एक मिशन बताया।
कर्मवीरों की कहानियों से प्रेरणा
समारोह में शामिल प्रत्येक व्यक्ति की कहानी ने यह साबित किया कि कर्मवीर बनने के लिए जरूरी नहीं कि आप कोई पदवी धारण करें, बल्कि अपने कर्म और समर्पण से भी आप समाज के लिए मिसाल बन सकते हैं।
जैसे गोरखपुर के पद्मश्री रामचेत चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाकर सैकड़ों बच्चों का भविष्य संवारा। वहीं, समाजसेवी डॉ. उदय मोदी ने अपने अथक प्रयासों से गरीबों को चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराईं। उत्तर प्रदेश के गोंडा से आए युवा नेता अनिल सिंह भदौरिया ने युवाओं को प्रेरित करते हुए सामाजिक उत्थान के लिए अग्रणी भूमिका निभाई।
यह मंच न केवल सम्मानित व्यक्तित्वों को पहचान देने का था, बल्कि उन गुमनाम नायकों को भी श्रद्धांजलि देने का माध्यम था, जो अपने कार्यों से चुपचाप समाज का चेहरा बदल रहे हैं।
संदेश और प्रेरणा
इस कार्यक्रम के अंत में, पूर्व पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह ने अपने भाषण में कहा, "कर्मवीर वह है, जो अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाए, चाहे वह परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों।"
इसी भावना को बल देते हुए महंत परमश्रद्धेय डॉ. दयानिधि ने सभी से समाज के वंचित वर्गों की मदद करने और उनके जीवन में सुधार लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "हमारा हर कर्म समाज के लिए एक प्रेरणा बन सकता है, बशर्ते हम उसमें ईमानदारी और समर्पण का भाव रखें।"
समाज के लिए संदेश
यह कार्यक्रम हर नागरिक के लिए एक संदेश लेकर आया कि अगर हर व्यक्ति अपने हिस्से का योगदान देने का संकल्प ले ले, तो हमारा देश और समाज नई ऊंचाइयों को छू सकता है। यह हमारे कर्मों की ताकत है, जो समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखती है।
"जो चल पड़े हैं सच्चाई की राह पर,
उनके लिए कोई मंज़िल मुश्किल नहीं।"
समारोह के समापन पर धर्मवीर प्रजापति ने इस आयोजन के आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा, "देश को कर्मवीरों की जरूरत है। ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगे कि वे भी समाज के लिए कुछ बड़ा करने की सोचें।"
आज का कर्मवीर अवार्ड सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि एक ऐसी चिंगारी है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव का उजाला लेकर आएगी। आइए, हम सब मिलकर इस भावना को जीवंत बनाए रखें और अपने कर्मों से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।
"कर्म ही धर्म है, कर्म ही पूजा।
कर्मवीर बनकर ही, संवरती है दूजा।"
पवन कुमार शर्मा,
वरिष्ठ पत्रकार