दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को? विद्वानों में मतभेद
दीपावली का त्यौहार इस साल कब मनाया जाएगा, इसे लेकर देशभर में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. ज्योतिषियों की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन एकमत से कोई तारीख तय नहीं हो पाई है. ऐसे में दीपावली देश में दो दिन—31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई जाएगी. काशी के ज्योतिषियों का कहना है कि 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त है.
काशी विद्वत परिषद के अनुसार, प्रतिपदा के दिन लक्ष्मी पूजन का कोई विधान नहीं है, इसलिए दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनानी चाहिए. खगोल विज्ञान केंद्र, कोलकाता, जो देश का राष्ट्रीय पंचांग तैयार करता है, उसने भी दीपावली की तारीख 31 अक्टूबर ही तय की है. इसके अलावा, भारत सरकार सहित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के सरकारी कैलेंडरों में भी दीपावली 31 अक्टूबर को ही बताई गई है.
द्वारिका और तिरूपति मंदिरों में दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. वहीं, अयोध्या, रामेश्वरम और इस्कॉन मंदिरों में दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी. निम्बार्क संप्रदाय के मंदिरों में भी 1 नवंबर को दीपावली का उत्सव होगा. काशी, उज्जैन, मथुरा-वृंदावन, नाथद्वारा और तिरूपति जैसे प्रमुख मंदिर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाएंगे. अखिल भारतीय विद्वत परिषद और काशी विद्वत परिषद के विद्वानों के अनुसार, दोनों तिथियों पर अपने-अपने ज्योतिषीय तर्क दिए जा रहे हैं. काशी और उज्जैन के ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि प्रतिपदा को लक्ष्मी पूजन का विधान नहीं है, इसलिए 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जानी चाहिए। दूसरी ओर, अयोध्या और इस्कॉन मंदिरों में 1 नवंबर को दीपावली का महोत्सव मनाया जाएगा.