टोंक पुलिस की साइबर अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई: 16 लाख की धोखाधड़ी का खुलासा!

टोंक। जिले में साइबर अपराधों पर सख्त निगरानी रखते हुए पुलिस ने एक बड़े जालसाजी मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेजों को अवैध रूप से तैयार करने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है।
अपराध की जानकारी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
जिला पुलिस अधीक्षक मन विकास सागवान को सूचना मिली थी कि जिले में अवैध रूप से आधार, पैन, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनाए जा रहे हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मालपुरा मोटाराम बैनीवाल और वृताधिकारी वृत्त देवली रामसिंह के सुपरविजन में थाना दूनी के नेतृत्व में एक विशेष साइबर टीम गठित की गई।
टीम ने तकनीकी विश्लेषण और आधुनिक साइबर तकनीकों का उपयोग करते हुए गहन जांच शुरू की। आरोपी को उसके गाँव से हिरासत में लेकर चौकी पोल्याड़ा, थाना दूनी लाया गया और विस्तृत पूछताछ की गई।
अपराधी की पहचान और गिरोह का पर्दाफाश
तकनीकी जांच में पाया गया कि आरोपी नीरज कुमार मीना, निवासी राजमहल, थाना दूनी, जिला टोंक, अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर (https://cscprintportal-org-in) पोर्टल के माध्यम से अवैध रूप से सरकारी दस्तावेजों में बदलाव कर रहा था। आरोपी द्वारा:
-
आधार में बिना ओटीपी के मोबाइल नंबर अपडेट किया जा रहा था।
-
फर्जी आधार, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे थे।
-
अवैध तरीके से सरकारी रिकॉर्ड को डाउनलोड, प्रिंट और संशोधित किया जा रहा था।
-
आरोपी लगातार अपने पोर्टल का नाम बदल-बदलकर इस अनाधिकृत कार्य को अंजाम दे रहा था।
पोर्टल के माध्यम से धोखाधड़ी
जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपना पोर्टल GoDaddy.com पर पंजीकृत कर रखा था। वह निर्धारित शुल्क देकर सदस्यता प्राप्त करता था और लोगों से पैसे लेकर फर्जी आधार और अन्य दस्तावेज तैयार करता था।
जालसाजी के आंकड़े
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी अब तक:
-
5639 आरसी,
-
1273 ड्राइविंग लाइसेंस,
-
167 राशन कार्ड,
-
6891 पैन कार्ड,
-
4645 जन्म प्रमाण पत्र,
-
12625 आधार कार्ड,
-
4376 आधार प्रिंट,
-
6583 आधार डेटा फीस,
-
1635 वोटर मोबाइल लिंक,
-
1233 वोटर आईडी कार्ड,
-
3354 आधार डेटा अपडेट कर चुका था।
इस पूरे अवैध कार्य से आरोपी ने करीब 16 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया था।
बरामदगी और आगे की जांच
पुलिस ने आरोपी से एक लैपटॉप और एक आईफोन बरामद किया है, जिनमें भारी मात्रा में डेटा संग्रहीत था। आरोपी को पुलिस रिमांड पर लेकर अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन संलिप्त हैं।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत वेबसाइट या व्यक्ति से सरकारी दस्तावेजों में बदलाव न करवाएं। यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह कार्रवाई साइबर अपराधों पर नकेल कसने और आम नागरिकों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।