'एक देश, एक चुनाव' से जुड़े दो अहम बिल लोकसभा में पेश, JPC के पास भेजने की सहमति
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 'एक देश, एक चुनाव' से जुड़े दो महत्वपूर्ण बिल पेश किए। इन बिलों के नाम हैं:
- संविधान (129वां संशोधन) विधेयक।
- केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024।
इन बिलों का उद्देश्य देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है। इसके लिए कई मौजूदा कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। इनमें गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट-1963, नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली एक्ट-1991, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 शामिल हैं।
सदन में क्या हुआ?
बिल पेश करने के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट दिया, जबकि विरोध में 198 सांसद रहे। कांग्रेस ने सरकार के पास दो-तिहाई बहुमत न होने का दावा किया। वहीं, 32 राजनीतिक पार्टियों ने बिल का समर्थन किया और 15 पार्टियों ने विरोध जताया।
JPC को भेजने पर सहमति
गृह मंत्री और कानून मंत्री ने बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने पर सहमति जता दी है। इस कदम का उद्देश्य सभी दलों के बीच आम सहमति बनाना है।
आगे की रणनीति
लोकसभा में 543 सीटों में से NDA के पास इस समय 292 सीटें हैं। लेकिन बिल पास कराने के लिए 362 सीटों का समर्थन यानी दो-तिहाई बहुमत जरूरी है। ऐसे में केंद्र सरकार को गठबंधन के बाहर की पार्टियों का समर्थन जुटाना होगा। संभावना है कि बिल पास कराने के लिए क्रॉस वोटिंग भी कराई जा सकती है।
इस बिल का असर
अगर यह बिल पास हो जाता है, तो पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराए जा सकेंगे। इससे न केवल चुनावों पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया भी सुगम हो जाएगी।
सारांश
केंद्र सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाने के लिए इसे JPC के पास भेजने की तैयारी में है। अब देखना यह होगा कि संसद और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर क्या सहमति बनती है।